कांवड़ यात्रा रोकने पर भाजपा के पूर्व गृह राज्यमंत्री ने अपनी सरकार को कटघरे में किया खड़ा

टीम भारत दीप |
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स्वामी चिन्मयानंद
स्वामी चिन्मयानंद

उनकी फेसबुक पर पोस्ट इस बात की ओर इशारा कर रही है कि कांवड़ यात्रा किसी भी हाल में नहीं रुकनी चाहिए थी।

शाहजहांपुर। भारतीय जनता पार्टी में गृह राज्यमंत्री रह चुके स्वामी चिन्मयानंद ने कांवड़ यात्रा रोके जाने को लेकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उनकी फेसबुक पर पोस्ट इस बात की ओर इशारा कर रही है कि कांवड़ यात्रा किसी भी हाल में नहीं रुकनी चाहिए थी। 

क्या कहा स्वामी चिन्मयानंद ने
स्वामी चिन्मयानंद सोशल साइट फेसबुक पर खासा एक्टिव रहते हैं। उन्होंने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा कि 'जिन हिन्दू संगठनों ने कांवड़ यात्रा को प्रोत्साहित किया था, डीजे पर लगी रोक को हटवाया था, उन्हीं के समर्थन से बनी सरकार आज उस पर प्रतिबंध लगवा रही है'। उनका ये बयान उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि अखिलेश सरकार में कांवड़ यात्रा में डीजे पर प्रतिबंध था तब हिन्दू संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया था। हालांकि स्वामी चि​न्मयानंद ने अपने बयान में किसी का नाम लेकर कुछ नहीं कहा है। 


पोस्ट पर आया रिएक्शन
एक फेसबुक यूज़र भगत आचार्य ने स्वामी चिन्मयानंद के सपोर्ट में बयान देते हुए लिखा कि 'जो नियम है उसी तरह से सोशल डि​स्टेंशन रखना चाहिए था, लेकिन हिन्दू समाज की आस्था पर कुठरघात नहीं किया जाना चाहिए था'। 'आगे लिखा शराब की दुकानें बंद करवाते हजारों लोगों को तबाही से बचाते'। रवि गुप्ता ने सरकार के फैसले का समर्थन किया और लिखा कि 'कोरोना काल में सरकार के अच्छे फैसलों में से एक है'। 

कांवड़ यात्रा नहीं कराने का किया फैसला
गत दिनों वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कांवड़ यात्रा के संबंध में विस्तार से विचार विमर्श किया था। बैठक में सामूहिक सहमति बनी कि कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया जाए। प्रदेश सरकारों को कांवड़ संघों और संत-महात्माओं से भी यही प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। गौरतलब है कि जुलाई माह में कांवड़ यात्रा संचालित की जानी थी। यात्रा में करोड़ों की संख्या में कांवड़िये हरिद्वार पहुंचते हैं। हरिद्वार से गंगाजल कांवड़ में भरकर अपने यहां शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं। यात्रा के दौरान सरकार के स्तर से कानून व्यवस्था व यातायात को लेकर कई तरह के इंतजाम करने पड़ते हैं।
 


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