सरकार का प्रस्ताव नामंजूर, किसानों ने कृषि कानून रद्द करने की मांग दोहराई

टीम भारत दीप |

आम सभा में सरकार द्वारा रखे गए प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया।
आम सभा में सरकार द्वारा रखे गए प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया।

बुधवार को सरकार व किसानों के बीच हुई वार्ता में सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव को आज यहां चर्चा के बाद किसान संगठनों ने सर्वसम्मति से नामंजूर करते हुए तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने के साथ एमएसपी पर कानून बनाने की अपनी मांग दोहराई।

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आन्दोलन लगातार जोर पकड़ता जा रहा है। किसानों का आंदोलन गुरूवार को दिल्ली की सीमाओं पर लगातार 57वें दिन भी जारी रहा।

वहीं बुधवार को सरकार व किसानों के बीच हुई वार्ता में सरकार द्वारा  दिए गए प्रस्ताव को आज यहां चर्चा के बाद किसान संगठनों ने सर्वसम्मति से नामंजूर करते हुए तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने के साथ एमएसपी पर कानून बनाने की अपनी मांग दोहराई।

गुरूवार को सयुंक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर कहा कि आम सभा में सरकार द्वारा बीते रोज रखे गए प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया।

जारी बयान में कहा गया कि तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने और सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर लाभदायक एमएसपी के लिए एक कानून बनाने की बात, इस आंदोलन की मुख्य मांगो के रूप में किसानों ने दोहराई। गौरतलब है कि बुधवार को किसानों और सरकार के बीच 10वें दौर की वार्ता हुई।

इस वार्ता में केंद्र सरकार ने आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के समक्ष नया प्रस्ताव रखते हुए कहा था कि वह कृषि कानूनों को एक-डेढ़ साल तक स्थगित करने के लिए तैयार है। कहा गया कि इस दौरान सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की एक कमिटी बनाकर इन कानूनों पर विस्तार से चर्चा कर समाधान का रास्ता निकालेगी।

वहीं आज गुरूवार को सभी किसान संगठनों ने इस प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा की और सर्वसम्मति से सरकार के इस प्रस्ताव को नामंजूद करते हुए अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि वह अगली बैठक में सरकार को अपने इस निर्णय से अवगत कराएगी। बता दें कि सरकार व किसानों की अगली बैठक शुक्रवार (22 जनवरी) को दोपहर 12 बजे होगी।

वहीं इधर किसान संगठन पहले ही 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान कर चुके हैं। इस बाबत दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी आज किसान नेताओं के साथ बैठक की।

सूत्रों के अनुसार बैठक में पुलिस अधिकारियों ने प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को दिल्ली के बाहरी रिंग रोड पर करने से मना करते हुए किसानों को कुंडली-मानेसर पलवल एक्सप्रेस वे पर आयोजित करने का सुझाव दिया था जिसे किसान संगठनों ने नामंजूद कर दिया।

संयुक्त किसान मोर्चा ने भी अपने बयान में कहा है कि पुलिस प्रशासन के साथ हुई बैठक में पुलिस ने दिल्ली में प्रवेश न करने की बात कही है। वहीं दूसरी ओर किसानों ने पुलिस अधिकारियों के सामने दिल्ली की रिंग रोड पर परेड करने की बात को मजबूती से रखा है
 


संबंधित खबरें