15 दिन में भाजपा के चौथे विधायक दल बहादुर कोरी का कोरोना संक्रमण से निधन

टीम भारत दीप |

रिपोर्ट निगेटिव आने पर अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। दोबारा फिर तबीयत खराब हुई।
रिपोर्ट निगेटिव आने पर अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। दोबारा फिर तबीयत खराब हुई।

शुक्रवार को रायबरेली के सलोन से बीजेपी के​ विधायक कोरोना संक्रमित थे। पंचायत चुनाव के दौरान बेहद सक्रिय रहे दल बहादुर कोरी का शुक्रवार को निधन हो गया। इससे पहले भाजपा के तीन विधायकों का चार दिन के अंतराल पर कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण निधन हो चुका है।

रायबरेली। कोरोना महामारी दिन-प्रतिदिन खतरनाकर होती जा रही है।भले ही मामूली रूप से संक्रमितों की संख्या बीच में घटी हो, लेकिन मृतकों की संख्या बराबर बढती जा रही है। इस बीमारी की वजह से यूपी भाजपा के चार विधायकों का 15 दिन में निधन हो चुका है।

शुक्रवार को रायबरेली के सलोन से बीजेपी के​ विधायक कोरोना संक्रमित थे। पंचायत चुनाव के दौरान बेहद सक्रिय रहे दल बहादुर कोरी का शुक्रवार को निधन हो गया। इससे पहले भाजपा के तीन विधायकों का चार दिन के अंतराल पर कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण निधन हो चुका है।   

अपोलो अस्पातल में चल रहा था इलाज

भाजपा विधायक दल बहादुर कोरी का लखनऊ के अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा था। रायबरेली के सलोन विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक दलबहादुर कोरी का शुक्रवार की सुबह कोरोना से निधन हो गया।

करीब एक माह से बीमार विधायक का लखनऊ स्थित अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा था। विधायक के निधन से शोक की लहर दौड़ गई है। पीजीआई में भर्ती कराये गये थे । रिपोर्ट निगेटिव आने पर अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। दोबारा फिर तबीयत खराब हुई। जांच कराई गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद परिजनों ने अपोलो में भर्ती कराया था।

राम मंदिर आंदोलन में रहे सक्रिय

भाजपा नेता दलबहादुर कोरी के बारे में बात करें तो वह 1984 में कानपुर में भाजपा की सदस्यता ली। 1989 में राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रहे। 1991 मे भाजपा से  टिकट मिला। नामांकन करने जाते समय काफिले में पैर टूट गया।

कांग्रेस के शिवबालक पासी चुनाव जीते। 1993 में दलबहादुर कोरी को भाजपा से टिकट मिला तो फिर कांग्रेस के शिवबालक पासी को हरा दिया। 18 माह में सरकार गिर गई। 1996 में फिर चुनाव लड़े और शिवबालक पासी को हराया। 2002 में समाज कल्याण राज्य मंत्री रहते हुए चुनाव लड़े जिसमें सपा कि आशा किशोर से हारे।

2007 में भाजपा से टिकट न मिलने के बाद कांग्रेस में चले गये वहां भी टिकट न मिलने पर बसपा में शामिल हो गये और चुनाव लड़े। इसमें कांग्रेस के शिवबालक पासी ने हरा दिया। 2012 में पुनः भाजपा में शामिल हो गये और सपा की आशा किशोर से हार गये । 2017 में टिकट मिला तो कांग्रेस व सपा समर्थित प्रत्याशी सुरेश चौधरी को हराया।

 विकासखंड डीह के प्राथमिक विद्यालय बरुआ में कक्षा पांच तक की पढ़ाई की। इसके बाद जूनियर हाईस्कूल परशदेपुर में कक्षा आठ तक, फिर प्रतापगढ़ जनपद के एक स्कूल से दसवीं पास किया।दल बहादुर के निधन की सूचना पर उनके गृह जनपद में शोक की लहर दौड़  गई है। लंबे समय से क्षेत्र में सक्रिय रहने से काफी लोक​प्रिय थे, उनके प्रशंसक काफी दुखी है।


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