करप्शन पर आवाज उठाई तो कर दिया सस्पेंड, IOB वाराणसी रीजन में हुआ ये सब

टीम भारत दीप |

बैंक में उपस्थित न रहने जैसे भी गंभीर आरोप लगाए।
बैंक में उपस्थित न रहने जैसे भी गंभीर आरोप लगाए।

आरोप है कि विमल कुमार मिश्रा और अमित यादव मिलकर फर्जी लोन के सहारे बैंक को चूना लगा रहे हैं। इतना ही नहीं उनके द्वारा हर लोन पर ग्राहकों से प्रतिशत के हिसाब से रिश्वत ली जा रही है।

वाराणसी। तमिलनाडु में ब्रांच मैनेजरों से चार करोड़ की वसूली के आदेश के बाद इंडियन ओवरसीज बैंक में कर्मचारियों के कथित शोषण का एक और मामला सामने आया है। आरोप है कि बैंक के एक क्लर्क को अपने मैनेजरों की गलत हरकतों पर आवाज उठाने के कारण सस्पेंड कर दिया गया। 

इंडियन ओवरसीज बैंक के वाराणसी रीजन की चित्रकूटधाम कर्वी ब्रांच में कार्यरत क्लर्क नागेश यादव ने 19 सितंबर को अपने सीनियर रीजनल मैनेजर को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने अपनी ब्रांच के सीनियर मैनेजर विमल कुमार मिश्रा और सहायक मैनेजर अमित यादव पर गंभीर आरोप लगाए थे। 

अपनी चिट्ठी में पीड़ित ने बताया कि वे एक पूर्व सैनिक हैं और 2014 के बाद से निष्ठा से अपने कार्य को अंजाम दे रहे हैं। 2019 में ब्रांच मैनेजर विमल कुमार मिश्रा की पोस्टिंग से पहले उनकी किसी प्रकार की शिकायत नहीं की गई। 

उनके आने के बाद लगातार उनसे बदसलूकी की जा रही थी क्योंकि वे बैंक में ब्रांच मैनेजर और सहायक मैनेजर के गलत कार्याें का विरोध कर रहे थे। नागेश यादव ने सहायक मैनेजर अमित यादव पर बैंक में सबके सामने भद्दी गालियां देने और धमकाने का भी आरोप लगाया। 

उनका आरोप है कि विमल कुमार मिश्रा और अमित यादव मिलकर फर्जी लोन के सहारे बैंक को चूना लगा रहे हैं। इतना ही नहीं उनके द्वारा हर लोन पर ग्राहकों से प्रतिशत के हिसाब से रिश्वत ली जा रही है। इतना ही नहीं उन्होंने दोनों पर व उनके सहयोगियों पर बैंक में उपस्थित न रहने जैसे भी गंभीर आरोप लगाए। 

इसके बाद बैंक ने मामले में नागेश यादव को ही बीते शनिवार को सस्पेंड कर दिया है। उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। हलांकि नागेश यादव के आरोपों पर बैंक ने कुछ नहीं कहा है। न ही आरोपी मैनेजरों के खिलाफ जांच की कोई बात की है। 

बैंक के सूत्रों का कहना है कि नागेश यादव ने इससे पहले भी कई बार मौखिक रूप से रीजनल मैनेजर को मामले से अवगत कराया था लेकिन उन्हें आश्वासन देकर शांत कराया जाता रहा है। इसके बदले आरोपी मैनेजर उन्हें धमकाते रहे और बैंक में ग्राहकों व स्टाफ के सामने बेइज्जत करते रहे। 

आरोप है कि कई बार दोनों मैनेजरों के बर्ताव के कारण नागेश यादव की आखों में आंसू भी आ गए लेकिन अब उल्टा उन्हीें पर कार्रवाई ने रीजनल लेवल तक बैंक के सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 


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