लखनऊ : नौकरी के लिए सीएम आवास के बाहर प्रदर्शन, अभ्यर्थियों ने उठाई ये मांग

टीम भारत दीप |

अचानक यहां पहुंचे इन अभ्यार्थियों को देख पुलिस वालों के हाथ-पांव फूल गए।
अचानक यहां पहुंचे इन अभ्यार्थियों को देख पुलिस वालों के हाथ-पांव फूल गए।

यहां करीब आधे घंटे तक अभ्यर्थियों ने जबरदस्त नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। पुलिस ने इन्हें हटाने की कोशिश की तो अभ्यर्थी आक्रोशित होने लगे। नाराज अभ्यर्थियों ने शुरू में वहां से हटने से मना कर दिया। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज करने की चेतावनी दी। बाद में बलपूर्वक 200 से ज्यादा अभ्यर्थियों को गाड़ी में भरकर धरनास्थल इको गार्डेन भेजा गया।

लखनऊ। यूपी में 69 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया विवादों में हैं। सोमवार को करीब 250 की संख्या में अभ्यर्थी मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन करने पहुंच गए। अचानक यहां पहुंचे इन अभ्यार्थियों को देख पुलिस वालों के हाथ-पांव फूल गए। यहां करीब आधे घंटे तक अभ्यर्थियों ने जबरदस्त नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।

पुलिस ने इन्हें हटाने की कोशिश की तो अभ्यर्थी आक्रोशित होने लगे। नाराज अभ्यर्थियों ने शुरू में वहां से हटने से मना कर दिया। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज करने की चेतावनी दी। बाद में बलपूर्वक  200 से ज्यादा अभ्यर्थियों को गाड़ी में भरकर धरनास्थल इको गार्डेन भेजा गया। वहीं अभ्यर्थियों का आरोप है कि भर्ती को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश है, उसके बाद भी उसको फॉलो नहीं किया जा रहा है।

बता दें कि प्रदर्शनकारियों में वह अभ्यर्थी ज्यादा थे, जिनका मेरिट में नाम नहीं आया। सभी लोग इसमें धांधली का आरोप लगा रहे थे। आरोप के मुताबिक प्रदेश में रिक्त शिक्षकों की संख्या बहुत ज्यादा है। ऐसे में अभी कम से कम 22 हजार बहाली और की जा सकती है। वहीं प्रदर्शनकारी इस दौरान लगातार सीट बढ़ाने को लेकर नारे लगा रहे थे।

इस दौरान अभ्यर्थियों के हाथों में अपनी मांगों से बैनर—पोस्टर भी थे। बताया गया कि सभी अभ्यर्थी अलग-अलग रास्तों से मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। ऐसे में अभ्यर्थियों की भीड़ देखकर पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। गौरतलब है कि इससे पहले ओबीसी और एसई वर्ग के लोगों ने पिछले दिनों शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के घर का घेराव किया था।

इसमें आरोप था कि 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के नियम को फॉलो नहीं किया गया है। बताया गया कि इसमें 6 लोगों का डेलीगेशन शिक्षा मंत्री से मिला भी था। उसमें प्रदर्शनकारियों ने बताया कि 15 हजार लोगों की नौकरी मारी जा रही है। वहीं मंत्री ने मामले में आयोग से चार दिन में रिपोर्ट मांगने की बात कही थी।
 


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