मध्य प्रदेश: मिलावट के खिलाफ अभियान छेड़ने वाले सिलावट ने चुनाव से पहले छोड़ी कुर्सी

टीम भारत दीप |
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चुनाव परिणाम आने के बाद फिर इसी पद पर उनकी वापसी हो सकती है।
चुनाव परिणाम आने के बाद फिर इसी पद पर उनकी वापसी हो सकती है।

चुनाव से पहले कांग्रेस के बागी और वर्तमान में भाजपा से मंत्री और सांवेर से भाजपा प्रत्याशी तुलसी सिलावट ने 6 माह का कार्यकाला पूरा होने पर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

भोपाल। चुनाव से पहले कांग्रेस के बागी और वर्तमान में भाजपा से मंत्री और सांवेर से भाजपा प्रत्याशी तुलसी सिलावट ने 6 माह का कार्यकाला पूरा होने पर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

ज्ञात हो ​कि सिलावट कमल नाथ सरकार में ऐसे मंत्री ​थे जिन्होंने पूरे प्रदेश में मिलावट के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया था। हालात बदले और वे पाला बदलकर भाजपा कोटे से फिर मंत्री बने थे। ऐसे में उनकी विधायकी चली गई। 

अब मध्यप्रदेश में 3 नवंबर को फिर चुनाव होने वाले है। चुनाव परिणाम आने के बाद फिर इसी पद पर उनकी वापसी हो सकती है। सिलावट ने मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री को इस्तीफा भेज दिया था। नियम के अनुसार, वे बिना विधायक बने 21 अक्टूबर तक ही मंत्री पद पर रह सकते थे।

मंत्री पद जाने के साथ ही उन्हें मिलने वाली सभी सुविधाएं छिन गई हैं। दरअसल, सिलावट ने कांग्रेस और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद 21 अप्रैल को भाजपा की सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी। 

मंत्री पद छोड़ने के बाद बुधवार को चुनाव-प्रचार में निकले सिलावट ने कहा कि मेरे मंत्री पद को बुधवार को 6 महीने हो रहे हैं। मैंने कल ही इस्तीफा दे दिया। पद मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं है। मेरे लिए सेवा, मप्र का विकास और प्रगति महत्वपूर्ण है।

मैंने पहले भी कांग्रेस छोड़ी, विधायक और मंत्री पद छोड़ा, अभी भी इस्तीफा दे दिया। त्याग-समर्पण मेरी भावना है। मेरा क्षेत्र पहले है, इसलिए कुर्बानी करना मेरे लिए जरूरी है। मेरे क्षेत्रवासियों की सेवा करना ज्यादा जरूरी है। मंत्री पद महत्वपूर्ण है, लेकिन सेवा बिना मंत्री पद के भी की जा सकती है।

मालूम हो कि प्रदेश सत्ता में लौटने के 28 दिन बाद शिवराज सिंह चौहान ने 21 अप्रैल को मंत्रिमंडल का गठन किया था, इसमें सिंधिया खेमे के तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई थी।


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