शनिदेव को यूं करें प्रसन्न, संवर जाएगी बिगड़ी तकदीर

टीम भारत दीप |
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यूं करें शनिदेव की पूजा।
यूं करें शनिदेव की पूजा।

शनिदेव ऐसे ही देवता है जो न्याय करते है। यदि वो प्रसन्न हो गए तो समझ लो मार्ग में आने वाली बाधाएं यूं ही समाप्त हो जाएंगी और आपकी बिगड़ी तकदीर संवर जाएगी। दरअसल धार्मिक मान्यताओं में शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है।

धर्म डेस्क। जीवन में तरक्की पाने को कर्म करना बहुत जरूरी है। बैठे—बैठे जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होता। धार्मिक मान्यताओं में अक्सर यही संदेश देने की कोशिश भी की जाती है। ईश्वर भी उन्ही का साथ देता हैं जो खुद का साथ देते हैं। शनिदेव ऐसे ही देवता है जो न्याय करते है।

यदि वो प्रसन्न हो गए तो समझ लो मार्ग में आने वाली बाधाएं यूं ही समाप्त हो जाएंगी और आपकी बिगड़ी तकदीर संवर जाएगी। दरअसल धार्मिक मान्यताओं में शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है। कहा जाता है कि इस दिन विधि- विधान से शनि देव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। बताया गया है कि शनि देव को कर्म फल दाता भी कहा जाता है।

शनि देव कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। बताया गया है कि शनि देव के अशुभ प्रभावों से हर कोई भयभीत रहता है। शनि के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए शनिवार के दिन कुछ उपाय करने चाहिए। बताया जाता है कि इन उपायों को करने से शनिदेव के अशुभ प्रभावों से बचा जा सकता है।

हनुमान चालीसा का करें पाठ-:धार्मिक मान्यताओं में ऐसा कहा गया है कि हनुमान जी की पूजा- अर्चना करने से शनि दोषों से छुटकारा मिल जाता है। बताया जाता है कि शनिवार को एक से अधिक बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। इससे भी शनिदेव प्रसन्न होते है। वहीं हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी तरह के दोषों से छुटकारा मिलता है।

यूं करें शनिदेव की पूजा
बताया जाता है कि शनिवार के दिन शनिदेव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस दिन शनिदेव को तेल अर्पित करें। दरअसल मौजूदा समय में कोरोना वायरस की वजह से घर से बाहर जाना सुरक्षित नहीं है। ऐसे में घर में रहकर ही शनिदेव की पूजा- अर्चना करें। इस दिन शनि चालीसा और शनि देव के मंत्रों का जप करने से शनिदेव प्रसन्न होते है।

शनि देव का एकाक्षरी मंत्र - 'ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।' का जप करना भी काफी लाभ देने वाला बताया जाता है। वहीं शनिवार के दिन दान करना अति शुभ माना जाता है। बताया जाता है कि दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि शनिवार को अपनी क्षमता के अनुसार दान जरूर करना चाहिए।


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