मिशन 2022: ब्राह्मणों को लुभाने खुशी दुबे को जेल से छुड़ाने कानूनी लड़ाई लड़ेगी बसपा

टीम भारत दीप |

खुशी दुबे के अधिवक्ता शिवकांत दीक्षित ने कहा, मुझे किसी पार्टी विशेष में दिलचस्पी नहीं है।
खुशी दुबे के अधिवक्ता शिवकांत दीक्षित ने कहा, मुझे किसी पार्टी विशेष में दिलचस्पी नहीं है।

ब्राह्मणों को लुभाने के लिए 23 जुलाई को अयोध्या में होने वाले ब्राह्मण सम्मेलन से पहले पार्टी नेता और पूर्व मंत्री नकुल दुबे ने एलान किया कि बिकरू कांड में आरोपी बनाई गई खुशी दुबे की रिहाई की लड़ाई बसपा लड़ेगी। आपकों बता दें कि खुशी कुख्यात डॉन विकास दुबे के भतीजे अमर की पत्नी है।

कानपुर। यूपी चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारी में जुट है। जहां बीजेपी और आरएसएस लगातार मंथन कर रहे है। वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम और ब्राम्हण वोट को अपने पक्ष में करने के लिए सपा—बसपा जुगत लगाए हुए है। बसपा ने जहां ब्राह्म्ण सम्मेलन कराने की तैयारी की वहीं अब कानपुर में हुए बिकरू कांड के जिम्मेदार विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे की पत्नी खुशी को जेल से छुड़ाने के लिए बसपा केस लड़ेगी।

मालूम हो कि 23 जुलाई को अयोध्या में होने वाले ब्राह्मण सम्मेलन से पहले पार्टी नेता और पूर्व मंत्री नकुल दुबे ने एलान किया कि बिकरू कांड में आरोपी बनाई गई खुशी दुबे की रिहाई की लड़ाई बसपा लड़ेगी। खुशी कुख्यात विकास दुबे के भतीजे अमर की पत्नी है। बिकरू कांड के बाद पुलिस मुठभेड़ में दोनों ढेर कर दिए गए थे।

ब्राह्मणों को लुभाने के लिए 23 जुलाई को अयोध्या में होने वाले ब्राह्मण सम्मेलन से पहले पार्टी नेता और पूर्व मंत्री नकुल दुबे ने एलान किया कि बिकरू कांड में आरोपी बनाई गई खुशी दुबे की रिहाई की लड़ाई बसपा लड़ेगी। आपकों बता दें कि खुशी कुख्यात डॉन विकास दुबे के भतीजे अमर की पत्नी है। बिकरू कांड के बाद पुलिस मुठभेड़ में दोनों ढेर कर दिए गए थे। पार्टी महासचिव सतीश मिश्र लड़ेंगे खुशी का केस। 

खुशी की शादी के आठ दिन बाद हुआ था कांड

नकुल दुबे ने कहा कि बिकरू कांड के बाद खुशी पर हत्या और आपराधिक साजिश समेत आईपीसी की गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किए जाने के बाद उसके परिजनों ने कानपुर देहात की विशेष अदालत में हलफनामा पेश कर दावा किया था कि वह नाबालिग है।

उसके अधिवक्ता ने भी दलील दी थी कि बिकरू कांड से महज तीन दिन पहले उसकी अमर से शादी हुई थी। इसलिए साजिश में उसकी कोई भूमिका नहीं है। इसके बाद भी आठ जुलाई 2020 से जेल में बंद खुशी को जमानत नहीं मिली है। वरिष्ठ वकील और बसपा महासचिव सतीश मिश्र खुशी का केस लड़ेंगे और उसकी रिहाई की मांग करेंगे।

उधर, खुशी दुबे के अधिवक्ता शिवकांत दीक्षित ने कहा, मुझे किसी पार्टी विशेष में दिलचस्पी नहीं है। खुशी दुबे की रिहाई की लड़ाई में यदि कोई हमारा साथ देना चाहता है तो उसका स्वागत है। हालांकि, मुझसे अभी तक किसी ने संपर्क नहीं किया है। साथ ही कहा कि किशोर न्याय बोर्ड ने खुशी के नाबालिग होने की पुष्टि कर दी है। इसके बाद भी उसे जमानत नहीं मिली है।

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