बिकरू कांड: शादी के आठ दिन बाद विधवा होने वाली खुशी दस माह से काट रही जेल, रिहाई का मांग

टीम भारत दीप |
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खुशी ​की रिहाई के लिए भाजपा के एमएलसी उमेश द्विवेदी खुलकर सामने आए है।
खुशी ​की रिहाई के लिए भाजपा के एमएलसी उमेश द्विवेदी खुलकर सामने आए है।

​ जिस समय यह वारदात हुई उस समय खुशी नाबालिग थी। शूटआउट के बाद उसे गिरफ्तार किया था। वह नाबालिग थी, इसलिए कोर्ट के आदेश पर उसे 14 सितंबर 2020 को बाराबंकी संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया था। तभी से वह यहां रह रही है। चार दिन पहले उसकी अचानक सेहत बिगड़ गई थी।

लखनऊ। यूपी के कानपुर में बिकरु कांड के बाद पुलिस प्रशासन ने जिस तरह से कार्रवाई की वह काबिले तारिफ है, लेकिन विकास दुबे के मारे जाने के बाद पुलिस की कार्रवाई धीरे—धीरे सुस्त होती गई। नतीजा यह हुआ कि इस कांड के जो दोषी है वह तो जेल में है।

कुछ ऐसे लोग भी जेल में है जिन पर इस मामले में अभी तक कोई आरोप तय नहीं हुए फिर भी वे जेल में वह दोषियों की तरह सजा काटा रहे है। ऐसा ही एक नाम है विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे की पत्नी खुशी का । खुशी 10 माह से जेल की सजा काट रही है। अब खुशी रिहाई का मामला तूल पकड़ने लगा है।

इस विषय में भाजपा के एमएलसी उमेश द्विवेदी खुलकर सामने आए है। उमेश द्विवेदी ने खुशी की रिहाई के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी है। एमएलसी का कहना है कि बिकरु कांड के 10 महीने बाद भी उसके ऊपर कोई आरोप तय नहीं हुआ है। इसके बावजूद भी उसे जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ रहा है। उसका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है।

वारदात के समय नाबालिग थी खुशी

आपकों बता दें कि​ जिस समय यह वारदात हुई उस समय खुशी नाबालिग थी। शूटआउट के बाद उसे गिरफ्तार किया था। वह नाबालिग थी, इसलिए कोर्ट के आदेश पर उसे 14 सितंबर 2020 को बाराबंकी संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया था।

तभी से वह यहां रह रही है। चार दिन पहले उसकी अचानक सेहत बिगड़ गई थी। मुंह से खून और पेट में तेज दर्द होने पर उसे बाराबंकी जिला अस्पताल से लखनऊ रेफर कर दिया गया था। अभी उसका इलाज चल रहा है।

10 माह में कोई आरोप तय नहीं

उमेश द्विवेदी ने कहा, सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि 10 माह पूर्व बिकरु कांड में एक महिला खुशी दुबे जिसकी शादी 8 दिनों पहले हुई थी उसे गिरफ्तार किया गया और 10 महीने बाद कोई आरोप तय नहीं हो पाया है।

इसके बाद उसे जेल की सलाखों में रखा गया है। जानकारी के अनुसार गंभीर अवस्था में वह मेदांता अस्पताल लखनऊ में इलाज चल रहा  है। ऐसी स्थिति में उसका बेहतर इलाज हो और यदि अब तक कोई आरोप तय नहीं हुआ है तो उसे रिहा किया जाए।

आठ दिन में विधवा हुई थी खुशी

आपकों बता दें कि खुशी और अमर दुबे की शादी बिकरु कांड के 5 दिन पहले 29 जून, 2020 को शादी हुई थी। खुशी दुबे के पति अमर दुबे को यूपी एसटीएफ ने 5 जुलाई, 2020 को मुठभेड़ में मार गिराया था।

खुशी दुबे को पुलिस ने बिकरु कांड में 120B (साजिशकर्ता) का आरोपी बनाया था। अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने 12 अगस्त 2020 को विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र (कानपुर देहात एंटी डकैती कोर्ट) में प्रार्थना पत्र देकर उसके नाबालिग होने के संबंध में साक्ष्य दिए थे। साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने खुशी को नाबालिग करार दिया था।

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