ज्यादा होशियार बच्चे अपना रहे अपराध की दुनिया!शोध से चौंकाने वाला खुलासा

bharatdeep news |

अपराध के कुल मामलों में 85 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे अधिक आईक्यू वाले थे।
अपराध के कुल मामलों में 85 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे अधिक आईक्यू वाले थे।

एक शोध के अनुसार अधिक आईक्यू वाले बच्चे सफलता के क्षेत्र में आगे ही नहीं बल्कि अपराध की दुनिया में भी आगे हैं। मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों द्वारा किए गए इस शोध में इसका खुलासा हुआ है।

कानपुर। ज्यादा होशियारी यदि समाज में सकारात्मक दिशा के बजाए नकारात्मक दिशा में अपनाई जाने लगे तो यह सामाज के लिए बहुत घातक हो जाता है। खासकर तब जब हमारी नई पीढ़ी ऐसा करने लगे। दरअसल मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों द्वारा दिए गए आंकड़े बेहद चौंकाने वाले है।

एक शोध के अनुसार अधिक आईक्यू वाले बच्चे सफलता के क्षेत्र में आगे ही नहीं बल्कि अपराध की दुनिया में भी आगे हैं। मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों द्वारा किए गए इस शोध में इसका खुलासा हुआ है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस तरह के बच्चों का मानसिक विकास तेजी से हो रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह सकरात्मक दिशा में रहता तो परिणाम बेहतर आते, लेकिन बच्चों में नकारात्मकता आने से उनमें अपराध बढ़ गया है। बता दें कि मनोविज्ञान केंद्र किशोरों में मनोविज्ञान के स्तर पर हो रहे बदलाव पर शोध कर रहा है। ऐसे बच्चे, जिन्हें जेल में रखा जाता हैं, उनका टेस्ट कराया जाता है।

टेस्ट से बच्चे के मानसिक स्तर के बारे में पता चल पाता है। साथ ही ये भी पता करने की कोशिश रहती है कि बच्चे की मानसिक उम्र शारीरिक उम्र से कम है या ज्यादा या दोनों की बराबर है।

बताया जा रहा है कि बीते दस महीने में इन बच्चों में जो टेस्ट किया गया था उससे पता चला कि ज्यादातर बच्चों की मानसिक उम्र शारीरिक उम्र से ज्यादा है। इसमें से कई ऐसे बच्चे हैं जिन्हें पता है कि वह जो अपराध कर रहे हैं, उसका नतीजा क्या हो सकता है।

फिर भी यह बच्चे अपराध की दुनिया में आगे बढ़ गए। इस शोध में यह भी सामने आया कि अधिकतर बच्चों ने किसी के साथ मिलकर अपराध को अंजाम दिया। इन बच्चों ने व्यस्कों के साथ मिलकर अपराध को अंजाम दिया है।

एक अनुमान में बताया गया कि अपराध के कुल मामलों में 85 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे अधिक आईक्यू वाले थे।
 


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