मां के बगैर पहले चुनाव में ही लड़खड़ाए नरेंद्र मोदी, 5 जून को किया याद, 9 जून को तीसरी बार बनेंगे पीएम

टीम भारत दीप |

मां के रहते पीएम मोदी राजनैतिक जीवन में किसी पर निर्भर नहीं रहे।
मां के रहते पीएम मोदी राजनैतिक जीवन में किसी पर निर्भर नहीं रहे।

मुझे कुछ भी नहीं होगा अभी मां जिंदा है मेरी। जब घर से निकलता हूं दुआएं साथ चलती हैं।।

संपादक। मरहूम शायर मुनव्वर राना का यह शेर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जिंदगी में भी जिंदा उतरता मालूम होता है। नरेंद्र मोदी अपने सामाजिक जीवन में परिवार के किसी व्यक्ति से ताल्लुक प्रदर्शित नहीं करते लेकिन अपनी मां से अपार स्नेह को वे कभी रोक भी नहीं पाए। मां की छाया अपने लाल पर कुछ रही भी इस तरह कि अपनी मां के रहते पीएम मोदी राजनैतिक जीवन में किसी पर निर्भर नहीं रहे। वे अकेले अपराजेय रहकर पहले 15 साल मुख्यमंत्री और फिर 10 साल प्रधानमंत्री का सफर तय कर आए। 

साल 2024 का लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला ऐसा व्यक्तिगत चुनाव रहा जिसमें वे हारे तो नहीं लेकिन अपनी छवि के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए। नरेंद्र मोदी ने गुजरात से लेकर दिल्ली तक भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत सरकार का ही नेतृत्व किया। संयोग है कि इस दौरान उनकी मां का प्रत्यक्ष आशीर्वाद भी उन पर रहा। 2022 में 30 दिसंबर को हीराबा का शरीर अपने बेटे नरेंद्र को अकेला छोड़कर चला गया। मां की कमी नरेंद्र मोदी अक्सर महसूस करते हैं, इसलिए उन्होंने चुनाव रैलियों के दौरान भी भावुक होकर अपनी मां को याद किया। उन्होंने कहा कि मां के बगैर यह मेरा पहला चुनाव है। 

हुआ भी यूं कि इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाई। शायद यही कारण रहा कि 4 जून को चुनाव परिणाम के आने के बाद प्रधानमंत्री ने 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधरोपण किया। इस दौरान वे अपनी मां को याद करते हुए भावुक हुए और उन्होंने इस बार एक पौधा मां के नाम लगाने का आह्वान किया। जो चुनाव परिणाम उनके दिमाग से नहीं निकल रहे थे, उसे वे अनायास ही अपनी मां से भी जोड़ रहे होंगे।  

 

भारत निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम का एलान किया। इसमें भाजपा को सबसे ज्यादा 240 सीटें मिलीं। दूसरे नंबर पर 99 सीटों के साथ कांग्रेस रही। हालांकि पिछली बार की अपेक्षा इस बार के चुनाव में भाजपा को 32 सीटों का नुकसान हुआ है। 2014 के बाद अब भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है।

अब नरेंद्र मोदी नौ जून को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को लोकसभा चुनाव में 293 सीटें मिलीं हैं। नरेंद्र मोदी को एनडीए का नेता चुना गया। सभी घटक दलों ने अपने समर्थन का पत्र भी उन्हें सौंप दिया है। शपथ ग्रहण समारोह को भव्य बनाने की तैयारियां हैं। इसमें विदेशी मेहमानों को भी आमंत्रित किया जाएगा।

बुधवार को नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति मुर्मू को अपना त्याग पत्र सौंप दिया था। राष्ट्रपति ने नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों का त्याग पत्र को स्वीकार कर लिया और साथ ही नए सरकार के गठन तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहने का आग्रह किया है।


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