दो बेटियों के इलाज के लिए तीसरी का सौदा, एक से दूसरे फिर कई ने ख़रीदा, ऐसे हुआ ख़ुलासा

टीम भारत दीप |
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दोनों के इलाज के लिए उसके पास पैसे नहीं थे।
दोनों के इलाज के लिए उसके पास पैसे नहीं थे।

जब उसे इस बात का पछतावा हुआ तो ख़ुद ही महिला आयोग पहुंचकर बेटी वापस लाने की बात कही। महिला आयोग ने पुलिस की मदद से बच्ची को मुक्त करा लिया और ख़रीद—फरोख्त करने वालों को गिरफ्तार कर लिया।

दिल्ली। राजधानी दिल्ली में एक हैरत में डाल देने वाली बात सामने आई है। यहां एक व्यक्ति ने अपनी दिव्यांग बेटियों का इलाज करने के लिए तीसरी बेटी का सौदा कर दिया। वो भी महज़ 40 हज़ार रुपये में। जब उसे इस बात का पछतावा हुआ तो ख़ुद ही महिला आयोग पहुंचकर बेटी वापस लाने की बात कही। महिला आयोग ने पुलिस की मदद से बच्ची को मुक्त करा लिया और ख़रीद—फरोख्त करने वालों को गिरफ्तार कर लिया। 

बुराड़ी थाना क्षेत्र निवासी व्यक्ति ने बुधवार शाम को महिला आयोग की महिला पंचायत में बेटी को बेचने की पूरी बात कबूली तो वहां सभी सन्न रह गए। उसने खुद़ को मज़दूर बताया कहा कि बड़ी बेटी पैर से दिव्यांग है। जबकि दूसरी बेटी देख नहीं सकती। दोनों के इलाज के लिए उसके पास पैसे नहीं थे। 

पहली अगस्त को अपनी तीसरी बेटी को मनीषा नामक महिला को जाफराबाद में बेच दिया। इस मामले के संज्ञान में आने के बाद आयोग हरकत में आ गया। महिला आयोग व पुलिस की टीम ने जाफराबाद स्थित मनीषा के घर पर बुधवार देर रात को छापेमारी की। 

यहां महिला आयोग और पुलिस को पता चला कि मनीषा ने मादीपुर में इंदू नामक महिला को बच्ची को बेच दिया है। पुलिस की टीम शकूरपुर पहुंची तो पता चला कि उसने बताया कि उसने चावड़ी बाजार में रहने वाली अपनी बहन को बच्ची बेच दी है। 

इसी तरह से बच्ची का बार—बार सौदा हुआ और फिर वह वहां से बच्ची को फिर त्रिलोकपुरी और बाद में हौजकाजी में संजय मित्तल को 80 हजार रुपये में बेचा गया। संजय की कोई औलाद नहीं थी।

पुलिस ने बृहस्पतिवार तड़के संजय को गिरफ्तार कर मासूम को कब्जे में ले लिया। मामले में मंजू, मनीषा, संजय और पिता को गिरफ्तार कर लिया गया। मंजू, संजय की पड़ोसी है। इन पर मानव तस्करी के तहत कार्रवाई की जाएगी। 


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