सपा में दिखने लगा ओवैसी का डर, पूर्व मंत्री बोले- वह 5 जीतेंगे तो हमें 25 पर हराएंगे

टीम भारत दीप |
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ओवैसी की पार्टी मुस्लिम बहुल इलाकों से मैदान में उतरने की तैयारी में है।
ओवैसी की पार्टी मुस्लिम बहुल इलाकों से मैदान में उतरने की तैयारी में है।

उत्तर प्रदेश में सभी विपक्षी दल मुस्लिम वोटों के दम पर सत्ता की कुर्सी पर बैठना चाहते हैं। चाहे वह सपा हो बसपा हो या कांग्रेस सभी कि निगाहें मुस्लिम वोटरों की तरफ हैं। अब तक मुस्लिम वोटों पर सबसे ज्यादा सपा का कब्जा था लेकिन ओवैसी उसके इस वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी में हैं।

लखनऊ। वैसे तो देश के सबसे बड़े सूबे  में 2022 में विधानसभा के चुनाव होने है, सियसी दिग्गज अभी से गुणा-भाग करने में जुट गए है। जहां एक तरफ सपा सत्ता में वापसी के लिए गणित लगा रही है।

वहीं ओवैसी के मैदान में उसका गणित बिगड़ता नजर आ रहा है। इसका खुलासा खुद सपा सरकार में पूर्व मंत्री रहे हाजी फरीद महफूज किदवई ने किया।

किदवई पिछले दिनों एक कार्यक्रम में ओवैसी के यूपी के चुनावी मैदान के सवाल पर बोल बैठे अगर ओवैसी पांच सीटें जीतेंगे तो हमें 25 पर हरा देंगें। पूर्व मंत्री के बयान से यह साफ है कि समाजवादी पार्टी को सबसे ज्यादा खतरा भाजपा से नहीं बल्कि ओवैसी के गठबंधन से है। 

मुस्लिम वोटों पर सबकी नजर

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में सभी विपक्षी दल मुस्लिम वोटों के दम पर सत्ता की कुर्सी पर बैठना चाहते है। चाहे वह सपा हो बसपा हो या कांग्रेस सभी कि निगाहे मुस्लिम वोटरों की तरफ है।

लेकिन अब तक मुस्लिम वोटों पर सबसे ज्यादा सपा का कब्जा था, लेकिन ओवैसी उसके इस वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी में है। मालूम हो कि ओवैसी की पार्टी मुस्लिम बाहुल्य इलाकों से मैदान में उतरने की तैयारी में है। इसी बल पर उसने बिहार में पांच सीटें जीतने में कामयाब रही है।

भाजपा की मददगार होने का लगाया आरोप

सोमवार को बाराबंकी में पूर्व मंत्री हाजी फरीद महफूज किदवई ने कहा कि वह ओवैसी 5 सीटें जीतते हैं तो 25 सीटों पर हमारा नुकसान कर सकते हैं। महाराष्ट्र.बिहार में भी यही किया है। इससे यह साबित हो गया है कि यह भाजपा के मददगार हैं।

आजम से मुलाकात के कयास

एक समय  सपा के मुस्लिम फेस कहे जाने वाले  आजम खान पिछले करीब एक साल से जेल में बंद हैं। सियासी गलियारों में यह चर्चा है कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव को उनके लिए जिस तरह से  लड़ाई लड़नी चाहिए थी, वो नहीं लड़े।

इसको लेकर अखिलेश यादव ने शुक्रवार को अपनी सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने आजम से मिलने की बहुत कोशिश की लेकिन महामारी का बहाना बनाकर उनसे मिलने नहीं दिया गया। हालांकि कानूनी तौर पर पार्टी उनकी पूरी मदद कर रही है।

गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुदीन ओवैसी की तरफ से  इस तरह के संकेत मिल रहे हैं कि वे जेल में बंद आजम खान से मुलाकात करने की तैयारी में हैं।

उनकी तरफ से आजम खान को इस तरह का संदेशा भिजवाया गया है कि वे उनसे मुलाकात करना चाहते हैं। जेल में मुलाकात तभी हो सकती है जब आजम खां इसके लिए अपनी तरफ से हामी भरें। बताया जा रहा है कि इस संभावित मुलाकात को लेकर अखिलेश काफी घबराए हुए हैं।

भाजपा की राह होगी आसान

अगर ओवैसी आजम खान से मुलाकात कर उनसे समर्थन हासिल कर लेते है तो यह उनके और उनके गठबंधन के लिए किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं होगा। इस मेल -मिलाप से अगर किसी को नुकसान होगा तो वह है सपा। इसका सबसे ज्यादा भाजापा फायदा उठा सकती है। इसके बाद भाजपा के लिए मिशन 2022 फतह करना आसान होगा। 


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