प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात‘ कार्यक्रम के साथ यूट्यूब पर पहले कभी नहीं हुआ ऐसा

टीम भारत दीप |

प्रधानमंत्री बनने के बाद से यह रेडियो कार्यक्रम काफी लोकप्रिय रहा है।
प्रधानमंत्री बनने के बाद से यह रेडियो कार्यक्रम काफी लोकप्रिय रहा है।

प्रधानमंत्री का इंटरेक्शन भी लोगों के साथ ऐसा है कि वे खुद भी अपने समर्थकों को ट्विटर पर फाॅलो करते हैं। यूजर्स उनका फाॅलोबैक मिलने के तरसते हैं। लेकिन रविवार को इंटरनेट की दुनिया में जो घटना हुई वो अभूतपूर्व रही।

सोशल मीडिया डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इंटरनेट पर लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है। ट्विटर पर उनके भारत में सबसे ज्यादा फाॅलोअर हैं। फेसबुक पर भी वे लोकप्रियता के मामले में बहुत आगे हैं। उनके कार्यक्रमों के वीडियो को लाखों लाइक मिलते हैं। 

प्रधानमंत्री का इंटरेक्शन भी लोगों के साथ ऐसा है कि वे खुद भी अपने समर्थकों को ट्विटर पर फाॅलो करते हैं। यूजर्स उनका फाॅलोबैक मिलने के तरसते हैं। लेकिन रविवार को इंटरनेट की दुनिया में जो घटना हुई वो अभूतपूर्व रही। 

यूट्यूब पर पहली बार प्रधानमंत्री के ‘मन की बात‘ कार्यक्रम को लाइक से ज्यादा डिसलाइक मिले हैं। ऐसा सिर्फ एक चैनल पर नहीं दूरदर्शन, भारतीय जनता पार्टी और खुद प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत यूट्यूब चैनल पर हुआ।

लाइक और डिसलाइक के अंतर को देखकर लग रहा है कि जैसे जानबूझकर पीएम के कार्यक्रम को टारगेट किया गया हो। साइबर एक्सपर्ट इसे साइबर बुलीइंग का ही एक प्रकार बता रहे हैं। 

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से देशवासियों से संवाद करते हैं। इसमें वे सरकार द्वारा देश के लिए किए जा रहे प्रयासों का जिक्र तो करते ही हैं, साथ ही देश में हो रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी भी कार्यक्रम के माध्यम से देते हैं। 

2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से यह रेडियो कार्यक्रम काफी लोकप्रिय रहा है। इसे हर न्यूज चैनल और भाजपा के सभी सोशल मीडिया हैंडल से प्रसारित किया जाता है। 30 अगस्त 2020 को पहली बार हुआ कि भारतीय जनता पार्टी के यूट्यूब चैनल पर मन की बात कार्यक्रम को लाइक करने वालों की संख्या 51 हजार रही वहीं डिसलाइक करने वाले करीब 4 लाख यूजर रहे। 

इसी तरह नरेंद्र मोदी चैनल पर लाइक करने वालों की संख्या 35 हजार रही और डिसलाइक करने वाले 90 हजार रहे। हालांकि उनके वीडियो के व्यूज में कोई कमी नहीं आई। ये पहले से बढ़े ही हैं। प्रधानमंत्री के वीडियो पर जो कमेंट आए हैं, उनमें नीट, जेईई को लेकर गुस्सा है। यूजर्स बेरोजगारी पर कमेंट कर रहे हैं। 

कमेंट की भाषा को देखकर लग रहा है कि इस कार्यक्रम को गु्रप बनाकर टारगेट किया गया है। साइबर एक्सपर्ट आदित्य प्रकाश का कहना है कि जब कोई आपके कार्यक्रम को पसंद नहीं करता तो वह उसे देखता ही नहीं है। इस प्रकार डिसलाइक केवल आरगेनाइज्ड तरीके से ही किया जा सकता है। यह भी साइबर बुलीइंग का एक प्रकार है।  


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