आ​खिर टूट गई प्रहलाद की मां की आस, चौथे दिन सुबह ​तीन बजे बोरवेल से निकला मासूम का शव

टीम भारत दीप |
अपडेट हुआ है:

बुधवार सुबह 9 बजे प्रहलाद बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था।
बुधवार सुबह 9 बजे प्रहलाद बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था।

मालूम हो कि इस रेस्क्यू पर देश भर की नजर थी, गांव वाले प्रहलाद को जिंदा निकलने की उम्मीद लगाए भगवान से प्रार्थना कर रहे थे, लेकिन कोई भी प्रार्थना काम नहीं आई। बोरवेल में गिरा चार साल का प्रहलाद आखिर जिंदगी की जंग हार गया। रविवार सुबह 3 बजकर 1 मिनट पर एनडीआरएफ ने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया, लेकिन प्रहलाद को बचाया नहीं जा सका। पानी के कारण उसका शरीर फूल चुका था।

झांसी - निवाड़ी। उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमा पर चल रही प्रहलाद को बचाने का मैराथन रेस्क्यू अभियान रविवार सुबह खत्म हुआ।

 पिछले चार दिन से प्रहलाद की मां समेत पूरे परिवार की आस टूट  गई, सभी की प्रार्थना भगवान ने अनसुना कर दिया।मासूम का शव देख पुरे गांव के आंखों से आंसू आ गाए। प्रहलाद के परिजनों के आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।

मालूम हो कि इस रेस्क्यू पर देश भर की नजर थी, गांव वाले प्रहलाद को जिंदा निकलने की उम्मीद लगाए भगवान से प्रार्थना कर रहे थे, लेकिन कोई भी प्रार्थना काम नहीं आई। बोरवेल में गिरा चार साल का प्रहलाद आखिर जिंदगी की जंग हार गया।

रविवार सुबह 3 बजकर 1 मिनट पर एनडीआरएफ ने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया, लेकिन प्रहलाद को बचाया नहीं जा सका। पानी के कारण उसका शरीर फूल चुका था।

उसके शव को काली पॉलीथिन में लपेटकर एंबुलेंस में रखा गया।मेडिकल टीम लाश को लेकर निवाड़ी जिले के स्वास्थ्य केंद्र पहुंची।फिलहाल अस्पताल में उसके शव का पोस्टमार्टम किया गया।

कलेक्टर आशीष भार्गव ने बताया कि बुधवार शाम से ही बच्चे का मूवमेंट क्लीयर नहीं हो रहा था।निवाड़ी जिले के सैतपुरा गांव में बुधवार सुबह 9 बजे प्रहलाद बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था। वह 59 फीट नीचे फंस गया था।

शनिवार को बच्चे को निकालने के लिए तिरछी (होरिजोंटल) सुरंग बनाई जा रही थी, जिसका डायरेक्शन भटक जाने के कारण सुरंग बोर तक नहीं पहुंच पाई थी।करीब 11 बजे एनडीआरएफ की टीम ने खुदाई रोक दी थी।

इसके बाद देर रात झांसी से एक्सपर्ट की टीम आई, जिन्होंने मैग्नेटिक अलाइनमेंट के जरिए सुरंग की दिशा तय की। इसके बाद दोबारा खुदाई शुरू की गई और रात 3.01 बजे बच्चे को निकाला गया। यह रेस्क्यू 90 घंटे तक चला ।

इससे पहले बीना रिफाइनरी से टनल खुदाई की मशीन भी मंगवाई गई थी। लेकिन मामूली सी चूक होने से बच्चे तक पहुंचने की कोशिश शनिवार देर रात तक नाकाम हो गई।

बुधवार सुबह 9 बजे बोरवेल में गिरे प्रहलाद को निकालने के लिए एनडीआरएफ और आर्मी के साथ स्थानीय प्रशासन ने रेस्क्यू शुरू किया था। चार साल का प्रहलाद अपने ही खेत में किए गए बोरवेल में गिर गया था।

शुक्रवार की सुबह 6 बजे तक बोरवेल के बराबर करीब 65 फीट का गहरा गड्ढा खोदा गया था। निवाड़ी कलेक्टर आशीष भार्गव के मुताबिक तीन बाय तीन की टनल बनाई गई थी। चूंकि बोर का डायामीटर तिरछा था। इस कारण टनल बनाने में परेशानी आ रही थी। इसके अलावा यहां पानी का फ्लो भी ज्यादा था। हाथ से भी खुदाई करनी पड़ी।


संबंधित खबरें