अखिलेश से मुलाकात के बाद प्रकाश बजाज बोले— इलेक्शन रोकने के लिए करेंगे शिकायत

टीम भारत दीप |
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प्रकाश बजाज ।
प्रकाश बजाज ।

उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटो के लिए होने वाले राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के समर्थित प्रत्याशी प्रकाश बजाज का पर्चा निरस्त हो गया है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटो के लिए होने वाले राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के समर्थित प्रत्याशी प्रकाश बजाज का पर्चा निरस्त हो गया है। प्रकाश बजाज का पर्चा निरस्त होने के बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की।

प्रकाश बजाज का कहना है कि पर्चा निरस्त होने के मामले में वह इलेक्शन कमीशन से इस बात शिकायत की शिकायत करेंगे। प्रकाश बजाज ने तो एक सेट पर्चा गायब करने का भी आरोप लगाया है।

बता दें कि यूपी की दस राज्यसभा सीटों पर चुनाव होना है। सपा ने प्रकाश बजाज को अपना समर्थन दिया था। लेकिन इसी बीच खबर आई कि समाजवादी पार्टी के समर्थित प्रत्याशी प्रकाश बजाज के नामांकन रद्द हो गया। प्रकाश बजाज का पर्चा खारिज होने का कारण उसमें प्रस्तावक के गलत हस्ताक्षर और कई अन्य त्रुटियां बताई गयी है।

राज्यसभा की दस सीटों पर हो रहे चुनाव में बीजेपी के आठ, बसपा और सपा के एक-एक उम्मीदवारों सहित सभी दस उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है। पर्चा खारिज होने के बाद भी प्रकाश बजाज हार मानने को तैयार नहीं हैं। इसी वजह से उन्होंने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की।

सपा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद उनका एक बयान सामने आया है जिसमे उन्होंने कहा कि वह सबसे पहले इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया में इस बात की शिकायत करेंगे। उन्होंने कहा कि हम इलेक्शन कमीशन से कहेंगे कि राज्यसभा चुनाव के पूरे प्रोसेस को रोका जाये।

प्रकाश बजाज के ये भी कहना है कि अगर उन्हें यहां से राहत नहीं मिली तो वह कोर्ट के तरफ भी रूख कर सकते है। प्रकाश बजाज ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नॉमिनेशन का 1 सेट पर्चा भी गायब कर दिया गया है।

इसी कड़ी में बसपा प्रत्याशी रामजी गौतम का पर्चा स्वीकार कर लिया गया है। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने बताया कि प्रकाश बजाज के प्रस्तावक का नाम गलत था। इसके अलावा फॉर्म 26 में कई गलतियां थी जिसके कारण उनका पर्चा निरस्त कर दिया गया है। बजाज के एक प्रस्तावक ऐसे भी है जो विधनसभा के सदस्य ही नहीं है। ऐसी कई बड़ी गलतियों के कारण उनका पर्चा खारिज कर दिया गया है।


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