प्रयागराज: संगम तट पर छठ पर्व की तैयारियों में दिखी तेजी, सूर्य को अर्घ्य देंगी महिलाएं

टीम भारतदीप |

संगम तट पर छठ पर्व को लेकर की जा रही तैयारियां जोरों पर हैं।
संगम तट पर छठ पर्व को लेकर की जा रही तैयारियां जोरों पर हैं।

उत्तर प्रदेश में भी छठ महापर्व की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही है। वहीं इस साल कोरोना वायरस को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन कराने के लिए प्रशासन ने पूरी तरह से कमर कस ली है। उत्तर प्रदेश में इस साल घाटों की संख्या में पिछली बार के मुकाबले इजाफा किया जा रहा है। प्रशासन द्वारा लोगों से अपील की जा रही है कि सभी लोग मास्क का इस्तेमाल जरूर करें।

प्रयागराज। देश के अलग-अलह जगहों पर सूर्योपासना का छठ महापर्व की तैयारियां जोरों पर है। उत्तर प्रदेश में भी छठ महापर्व की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही है। वहीं इस साल कोरोना वायरस को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन कराने के लिए प्रशासन ने पूरी तरह से कमर कस ली है।

उत्तर प्रदेश में इस साल घाटों की संख्या में पिछली बार के मुकाबले इजाफा किया जा रहा है। प्रशासन द्वारा लोगों से अपील की जा रही है कि सभी लोग मास्क का इस्तेमाल जरूर करें। प्रशासन ने इसके चलते अपनी तैयारियां भी शुरू कर दीं हैं। 20 और 21 नवंबर को छठ महापर्व मनाया जाएगा।

बता दें कि छठ पर्व का मुख्य दिन या कहें की उसकी रौनक 20 नवंबर को ही है। 20 नवंबर के दिन महिलाएं डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगी और उसके अगले दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर के इस महापर्व का समापन होगा। बता दें कि संगम तट पर भी छठ पर्व को लेकर की जा रही तैयारियां जोरों पर हैं।

इस साल कोरोना काल में पड़ रहे इस पर्व को लेकर के प्रशासन की ओर से कोरोना गाइडलाइन जारी किया गया। बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस को देखते हुए पिछली बार के मुताबिक इस बार घाटों की संख्या में भी इजाफा किया है। इसी को देखते हुए इस बार संगम तट पर करीब 800 मीटर लंबे घाट को व्यवस्थित किया जा रहा है।

गौरतलब है कि प्रत्येक वर्ष संगम के तट पर हजारों की संख्या में महिलाएं डूबते हुए सूर्य और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर इस पर्व को मनाती हैं। संगम तट पर पिछले कई दिनों से ट्रैक्टरों और पोकलैंड की मदद से जमीन को समतल करने का काम तेज़ी से चल रहा है।

ऐसे में मेला प्राधिकरण से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि कोरोना काल को देखते हुए इस बार सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए सभी को यह निर्देश दिए गए हैं कि श्रद्धालु दूर—दूर बैठकर के पूजा पाठ करेंगे और यही मुख्य वजह है कि घाट को लंबा किया गया है। बताया जाता है कि छठ पर्व में महिलाएं अपने पुत्र और पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत रखती हैं।

महिलाएं इस व्रत में सूर्य को अर्घ्य देती हैं। आपको बता दे कि फिलहाल छठ पर्व की शुरूआत कल से हो गई है। चार दिन तक चलने वाला इस त्यौहार का आज़ पहला दिन है। इस व्रत का पहला दिन नहाय खाय से शुरू होता है। इसी वजह से संगम स्थित तट पर विशेष तौर पर साफ़ सफाई की जा रही है।


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