चेक से लेन-देन को और सुरक्षित बनाएगा आरबीआई, बड़ी धनराशि के लिए आया नया नियम

टीम भारत दीप |
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भविष्य में इसी माध्यम से चेक का निस्तारण होगा।
भविष्य में इसी माध्यम से चेक का निस्तारण होगा।

आरबीआई ने बताया कि पाॅजिटिव पे सिस्टम का उद्देश्य बड़ी धनराशि वाले चेक की डिटेल को दोबारा कन्फर्म करना है।

बैंकिंग डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक चेक से लेन-देन की व्यवस्था को और पारदर्शी बनाने जा रहा है। इसके लिए रिजर्व बैंक ने सीटीएस के साथ पाॅजिटिव पे नाम से नई व्यवस्था शुरू करने की घोषणा की है। इसमें चेक की डिटेल आॅनलाइन भी फीड की जाएगी जिसे चेक प्राप्त करने वाले बैंक द्वारा वेरिफाई किया जा सकेगा। 

बीते शुक्रवार को देश भर के सभी बैंको को निर्देश जारी करते हुए आरबीआई ने कहा कि उसने अपने 6 अगस्त के निर्देशों में चेक ट्रंकेशन सिस्टम यानी सीटीएस के साथ पाॅजिटिव पे सिस्टम शुरू करने की बात कही थी। यह चेक से लेन-देन में पारदर्शिता लाने की व्यवस्था है। 

आरबीआई ने बताया कि पाॅजिटिव पे सिस्टम का उद्देश्य बड़ी धनराशि वाले चेक की डिटेल को दोबारा कन्फर्म करना है। इसमें चेक जारी करने वाला चेक के अलावा सारी डिटेल जैसे जिसे चेक जारी किया है उसका नाम, धनराशि और चेक जारी करने की डिटेल को आॅनलाइन भी फीड करेगा। 

यह फीडिंग एसएमएस, मोबाइल एप, इंटरनेट बैंकिंग या एटीएम के माध्यम से की जाएगी। चेक से धनराशि प्राप्त करने वाला बैंक यानी Drawee Bank सीटीएस के माध्यम से इस डिटेल को चेक करेगा और यदि कोई गड़बड़ी है तो जिस बैंक का चेक है उसके संज्ञान में लाएगा। इससे चेक से लेन-देन को और भी पारदर्शी बनाया जा सकेगा। 

आरबीआई ने बताया कि नेशनल पेमेंट कारर्पोरेशन आॅफ इंडिया लिमिटेड यानी एनपीसीआईएल इसके लिए आॅनलाइन सिस्टम विकसित कर इसे बैंकों के साथ साझा करेगा। यह व्यवस्था 1 जनवरी 2021 से लागू होनी है। 

आरबीआई का कहना है कि 50 हजार से अधिक की धनराशि वाले चेक पर ये नियम लागू होंगे। बैंक चाहें तो 5 लाख से अधिक की धनराशि वाले चेक के लिए इसे आवश्यक बना सकते हैं। आरबीआई इसके लिए बैंकों को ग्राहकों के बीच जागरूकता लाने को कहा है। भविष्य में इसी माध्यम से चेक का निस्तारण होगा। हालांकि क्लीरिंग की व्यवस्था जो फिलहाल है वही रहेगी। 


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