मुलायम परिवार से यूपी की राजनीति को जल्द मिल सकता है नया चेहरा, ये नाम सुनकर चौंकिएगा नहीं

टीम भारत दीप |
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फिलहाल अखिलेश यादव पार्टी के अध्यक्ष हैं।
फिलहाल अखिलेश यादव पार्टी के अध्यक्ष हैं।

अखिलेश यादव के पार्टी की कमान संभालने के बाद सपा के तौर तरीकों और नेतृत्व में परिवर्तन आया है।

पॉलिटिकल डेस्क। उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्ष की भूमिका निभा रही समाजवादी पार्टी की कमान अखिलेश यादव के हाथों में है। अखिलेश यादव सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बेटे हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीति में मुलायम सिंह यादव के परिवार को सैफई परिवार के नाम से जाना जाता है। उनके परिवार का लगभग हर सदस्य प्रदेश की राजनीति में है। 

मुलायम के छोटे भाई शिवपाल यादव द्वारा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के गठन के बाद कुछ लोग उससे भी जुड़े हैं लेकिन आज भी सैफई परिवार का बड़ा हिस्सा समाजवादी पार्टी में ही है। 

अखिलेश यादव के पार्टी की कमान संभालने के बाद सपा के तौर तरीकों और नेतृत्व में परिवर्तन आया है। आज की सपा कभी कंप्यूटर का विरोध करने वाले मुलायम सिंह यादव की सपा न होकर उसी कंप्यूटर के जरिये सोशल मीडिया पर पॉलिटिक्स करने वाली सपा है। 

अखिलेश यादव खुद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हैं और वर्तमान में आज़मगढ़ से सांसद हैं। उनकी पत्नी डिंपल यादव भी 2019 तक कन्नौज से सांसद रहीं। अब सवाल है सपा में अखिलेश के बाद कौन?

इसका जवाब खोजने के लिए आपको सपा की सोशल मीडिया पॉलिटिक्स पर ध्यान केंद्रित करना होगा। यहां आपको एक नाम मिलेगा अदिति यादव। हां वही अदिति यादव जो अखिलेश यादव की बेटी हैं और इसी साल उन्होंने 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है। 

बीते 26 अगस्त को अदिति 18 साल की भी हो गईं, इसकी सूचना उन्होंने खुद अपने ट्विटर एकाउंट पर दी। शायद 18 साल का ट्वीट उनकी ओर से इशारा है कि वे राजनीति की समझ के लिए परिपक्व हो चुकी हैं। इसमें उनके साथ पिता अखिलेश यादव भी हैं। 

 

अदिति यादव सोशल मीडिया पर पूरी तरह सक्रिय हैं और उनकी पोस्ट व कमेंट देश और प्रदेश की राजनीति की बात करने वाले हैं। अपने अधिकतर ट्वीट में वे पिता अखिलेश की पोस्ट और समाजवादी पार्टी की पोस्ट को रिट्वीट कर रही हैं। 

हालांकि अब तक वे समाजवादी पार्टी की किसी सभा में तो नहीं देखी गई हैं लेकिन सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता राजनीति में उनके जल्द पदार्पण का इशारा कर रही है।

अब देखना होगा वे पहले अपनी पढ़ाई पूरी कर फिर राजनीति में हाथ आजमाती हैं या पढ़ाई के साथ साथ वे अपने पिता को राजनीतिक मोर्चे पर सपोर्ट करती हैं। जब भी हो लेकिन उत्तर प्रदेश को फिर से एक युवा नेता मिलती दिखाई दे रही हैं।


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