अपर्णा को साथ लाकर बीजेपी 2022 को 2017 बनाने की तैयारी में, जानिए क्या चल रहा भीतर खाने में

टीम भारत दीप |

भाजपा सपा परिवार की कलह का फायदा उठाने का प्रयास करेगी।
भाजपा सपा परिवार की कलह का फायदा उठाने का प्रयास करेगी।

राजनीति के जानकारों का कहना है कि भाजपा की जवाबी कार्रवाई का जमीन पर किसी भी वास्तविक लाभ की तुलना में मनोवैज्ञानिक प्रभाव अधिक पड़ेगा।सपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह वहीं अपर्णा के जाने से 'यादव परिवार में दरार' की आशंका बढ़ गई है।

लखनऊ। यूपी की राजनीति में तोड़फोड़ का सिलसिला जारी है। पहले सपा ने भाजपा में सेंध लगाई अब भाजपा ने प्रदेश के सबसे बड़े सियासी कुनबे मुलायम सिंह यादव के घर में सेंध लगाकर उनकी छोटी बहू को साथ लाकर बड़ा खेला कर दिया।

मालूम हो कि ठीक इसी प्रकार का माहौल 2017 में चुनाव से बना था, जब शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी छोड़ते हुए अपनी अलग पार्टी बना लिया था। अब अपर्णा के पार्टी छोड़ने से सपा को गहरा झटका लगेगा। अब बीजेपी अखिलेश यादव के खिलाफ परिवार न संभाल पाने का आरोप लगाते हुए बयान देगी कि जो परिवार नहीं सभाल सका वह प्रदेश क्या संभालेगा। 

सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव काफी अटकलों के बाद भाजपा में शामिल हो गई। राजनीतिक पर्यवेक्षक इसे यूपी विधानसभा चुनाव के बीच धारणा की लड़ाई में भगवा पार्टी के लिए एक बढ़त के रूप में देख रहे हैं।

करीब एक सप्ताह पहले जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा को बड़ा झटका देते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य सहित पिछड़ी जाति के मंत्रियों और विधायकों को पार्टी की सदस्यता दिलाई थी तो उन्होंने उस समय यूपी में सियासी बढ़त हासिल कर लिया था, लेकिन भाजपा ने अपर्णा को साथ लाकर फिर बढ़त हासिल कर रहे है। 

मनोवैज्ञानिक बढ़त मिलेगी भाजपा को

राजनीति के जानकारों का कहना है कि भाजपा की जवाबी कार्रवाई का जमीन पर किसी भी वास्तविक लाभ की तुलना में मनोवैज्ञानिक प्रभाव अधिक पड़ेगा।सपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी के पार्टी में शामिल होने के बाद 'बीजेपी छोड़ने' की कहानी को स्थापित करने की कोशिश की थी।

वहीं अपर्णा के जाने से 'यादव परिवार में दरार' की आशंका बढ़ गई है। आपको बता दें कि यह 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले की स्थिति के समान है, जब अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच दरार खुलकर सामने आई थी।

2017 में शिवपाल बने थे विलेन

मालूम हो कि शिवपाल के सपा छोड़ने के बाद चाचा और भतीजे के बीच में दरारें और चौड़ी हो गईं। उन्होंने अपना खुद का संगठन, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया बनाया।

भाजपा ने पारिवारिक कलह का फायदा उठाया और अखिलेश को ऐसे व्यक्ति के रूप में पेश किया जो राज्य का प्रबंधन करने में "अक्षम" था, क्योंकि वह अपने पारिवारिक विवाद को भी हल नहीं कर सका। हालांकि 2017 के चुनावों में सपा की हार के पीछे यही एकमात्र कारण नहीं था, उस समय पारिवारिक कलह चर्चा का विषय था,अब फिर वहीं हालात बन गए। 

अपर्णा के सपा छोड़ने पर अखिलेश का छलका दर्द

अपर्णा के बीजेपी में जाने पर अखिलेश यादव ने बधाई देते हुए कहा कि नेताजी (मुलायम) ने उन्हें भाजपा में शामिल नहीं होने के लिए समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन व्यर्थ रहा। अपर्णा के सपा छोड़ने पर उन्होंने कहा, "सबसे पहले, मैं उन्हें बधाई देना चाहता हूं और अपनी शुभकामनाएं देना चाहता हूं।

मुझे खुशी है कि इस तरह हमारी समाजवादी विचारधारा अन्य राजनीतिक दलों तक पहुंच गई है।" अखिलेश ने आगे कहा कि मुझे उम्मीद है कि हमारी समाजवादी विचारधारा वहां संविधान और लोकतंत्र को बचाने में मदद करेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या अपर्णा के फैसले पर सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद है अखिलेश ने कहा, “नेताजी ने बहुत कोशिश की समझाने की।

इससं पहले कई लोगों ने छोड़ा था सपा का साथ

अपर्णा बिष्ट यादव का भाजपा में शामिल होना यह यादव परिवार के लिए कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी यादव परिवार के कई सदस्यों सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके है।  अपर्णा यादव परिवार की तीसरी सदस्य और भाजपा में शामिल होने वाली दूसरी महिला सदस्य हैं। इससे पहले मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बहनोई प्रमोद गुप्ता के भी जल्द ही भगवा पार्टी में शामिल होने की संभावना है।

अपर्णा से पहले मुलायम सिंह यादव की भतीजी संध्या यादव (अभय राम यादव की बड़ी बेटी और सपा के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की बहन) पहले ही भगवा पार्टी में शामिल हो चुकी हैं। इसके अलावा एक सप्ताह पहले मुलायम के पोते के ससुर और सिरागंज (फिरोजाबाद) के विधायक हरिओम यादव भी भाजपा में शामिल हो गए थे।

वह मैनपुरी के पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव के ससुर राम प्रकाश के भाई हैं।इससे पहले पंचायत चुनाव के दौरान मुलायम की भतीजी संध्या यादव ने मैनपुरी के वार्ड 18 (घिरौर III) से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था।

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