छुट्टी की भीख मांगते-मांगते कोरोना से मर गया बैंक मैनेजर, RM और HR ने नजरअंदाज की हर अर्जी

टीम भारत दीप |

अधिकारियों ने उसकी अर्जी को नजरअंदाज किया।
अधिकारियों ने उसकी अर्जी को नजरअंदाज किया।

हालत बिगड़ने पर जब मैनेजर को भर्ती कराया गया, तो कुछ दिन बाद उनकी मौत हो गई। अब मामले में एसबीआई के कर्मचारियों की एसोसिएशन ने आरोपी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।

विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश)। आंधप्रदेश में 39 साल के स्टेट बैंक आॅफ इंडिया के मैनेजर की कोरोना से मौत का मामला सामने आया है। कुछ दिन पहले बैंक के फील्ड आॅफीसर की कोरोना रिपोर्ट पाॅजिटिव आई थी। इसके बाद मैनेजर अपनी कोरोना जांच कराने और आइसोलेशन के लिए छुट्टी की अपील करता रहा लेकिन आरोप है कि बैंक के अधिकारियों ने उसकी अर्जी को नजरअंदाज किया। 

बाद में हालत बिगड़ने पर जब मैनेजर को भर्ती कराया गया, तो कुछ दिन बाद उनकी मौत हो गई। अब मामले में एसबीआई के कर्मचारियों की एसोसिएशन ने आरोपी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। 


बताया गया है कि आंध्र प्रदेश में एसबीआई के अमरावती सर्किल की एजेंसी लक्ष्मीपुरम ब्रांच के मैनेजर पिट्टा राजेश को 25 अगस्त से बुखार की शिकायत थी। 28 अगस्त को उनकी बैंक के फील्ड आफीसर की कोरोना रिपोर्ट पाॅजिटिव आई। इसके बाद खुद में लक्षण महसूस करते हुए अपने रीजनल मैनेजर और एचआर मैनेजर से आइसोलेशन में जाने और टेस्ट कराने के लिए छुट्टी की दरख्वास्त की। 

एसबीआई की एसोसिएशन के जनरल सेके्रट्री को लिखे पत्र में आरोप लगाया गया है कि रीजनल मैनेजर और एचआर हेड ने उनकी एप्लीकेशन को लगातार नजरअंदाज किया। यहां तक कि अधिकारियों ने उनके फोन भी उठाने बंद कर दिए। राजेश की छुट्टी की एप्लीकेशन यह कहकर खारिज कर दी कि जिन ब्रांच में दो अधिकारी हैं उसमें दोनों को छुट्टी नहीं दी जा सकती। 

साथ ही आइसोलेशन की बात पर कहा गया कि आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार टेस्ट रिपोर्ट पाॅजिटिव आने पर ही इसकी अनुमति दी जा सकती है। ऐसे में राजेश की तबियत जब ज्यादा बिगड़ी तो उनके कैश मैनेजर उन्हें अपनी बाइक पर अस्पताल लेकर गए। जहां उनकी रिपोर्ट पाॅजिटिव आई।

बैंककर्मियों का आरोप है कि यदि राजेश की रिपोर्ट पाॅजिटिव आने के बाद भी उन्होंने छुट्टी के लिए आवेदन किया तो रीजनल मैनेजर और एचआर ने उनसे टेस्ट की रिपोर्ट देने को कहा। 2 सितंबर को जब उनकी टेस्ट की रिपोर्ट प्राप्त हुई तब जाकर उनको अवकाश दिया गया। 

आरोप है कि इसके बाद भी राजेश को उपचार के दौरान भी आॅनलाइन मीटिंग के लिए अटेंट करने के लिए दबाव बनाया जहां उनसे बुरा बर्ताव किया गया। 11 सितंबर को उपचार के दौरान राजेश की मौत हो गई। अब मामले में एसबीआई के इम्प्लाई एसोसिएशन ने आरोपी रीजनल मैनेजर और एचआर पर कार्रवाई की मांग की है। 


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