शनि अमावस्या का है विशेष महत्व, शनिदेव को करें ऐसे प्रसन्न

टीम भारत दीप |

13 मार्च को शनि अमावस्या मनाई जाएगी।
13 मार्च को शनि अमावस्या मनाई जाएगी।

देशभर में इस दिन लोग पावन नदियों में स्नान और दान कर शनि भगवान को प्रसन्न करने के लिए पूजा अर्चना करते हैं। इस दिन पितरों के तर्पण को भी बहुत खास माना जाता है। दरअसल पंचांग के अनुसार 13 मार्च को अमावस्या है। इस अमावस्या को शनि अमावस्या, फाल्गुन अमावस्या और शनिचरी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।

लखनऊ।  हिंदू धर्म में फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या का विशेष महत्व है। कल यानि 13 मार्च को शनि अमावस्या मनाई जाएगी। देशभर में इस दिन लोग पावन नदियों में स्नान और दान कर शनि भगवान को प्रसन्न करने के लिए पूजा अर्चना करते हैं। इस दिन पितरों के तर्पण को भी बहुत खास माना जाता है।

दरअसल पंचांग के अनुसार 13 मार्च को अमावस्या है। इस अमावस्या को शनि अमावस्या, फाल्गुन अमावस्या और शनिचरी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अुनसार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का विशेष धार्मिक महत्व माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखने की भी परंपरा है।

कहा जाता है कि अमावस्या पर की जाने वाली पूजा से पितर प्रसन्न होते हैं। वहीं जीवन में आने वाली बाधाएं भी दूर होती हैं। शनिवार के दिन अमावस्या की तिथि होने के कारण यह दिन शनि देव की पूजा के लिए भी उत्तम बताया जाता है। ऐसे भी शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है।

जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या चल रही है, उन्हें इस शनि अमावस्या पर शनि देव की पूजा करने से लाभ मिलता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वर्तमान समय में धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है।

शनि देव की पूजा करने से शनि की अशुभता दूर होती है और शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि शनि अमावस्या पर शाम के समय पीपल के पेड़ की जड़ के पास सरसों का दीपक जलाने से शनि की अशुभता को दूर करने में मदद मिलती है। साथ ही नजदीकी शनि मंदिर में शनि देव की पूजा करने और दान करने से भी लाभ मिलता है।

वहीं कुष्ठ रोगियों की सेवा करने और उन्हें दवा सामग्री आदि से देने से भी शनि प्रसन्न होते हैं।  शनिदेव को प्रसन्न रखना है तो कभी भी निर्धन व्यक्ति का अनादर न करें। साथ ही परिश्रम करने वाले व्यक्तियों को कभी परेशान नहीं करना चाहिए।

ऐसा करने से शनिदेव नाराज होते हैं और अशुभ फलों में वृद्धि करते हैं। कहा जाता है कि शनि की साढ़ेसाती वालों को भी इस दिन कुछ खास उपाय करने से लाभ मिलता है। इस दिन सरसों के तेल में अपनी परछाई देखकर दान करना चाहिए। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि इस दिन कुत्ते को रोटी खिलानी चाहिए।

शाम को पश्चिम की ओर बत्ती कर तेल का दीपक जलाने के बाद'ॐ शं शनैश्चराय नम:' मंत्र पढ़ते हुए परिक्रमा करनी चाहिए। इस बार शनि अमावस्या का मुहूर्त के अनुसार मार्च 12, 2021 को 15:04:32 से अमावस्या आरम्भ होगी जो मार्च 13, 2021 को 15:52:49 पर समाप्त हो जाएगी।


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