सोनू सूद को कोर्ट से नहीं मिली राहत, अब बीएमसी अपने अंदाज में देगी जवाब

टीम भारत दीप |

बीएमसी ने पिछले साल अक्टूबर में अभिनेता को नोटिस जारी किया था , उस नोटिस को सूद ने दिसंबर 2020 में दिवानी अदालत में चुनौती दी।
बीएमसी ने पिछले साल अक्टूबर में अभिनेता को नोटिस जारी किया था , उस नोटिस को सूद ने दिसंबर 2020 में दिवानी अदालत में चुनौती दी।

मुंबई महानगरपालिका ने पिछले साल अक्टूबर में कथित अवैध निर्माण को लेकर सोनू सूद को नोटिस जारी किया था। उस नोटिस के खिलाफ सोनू सूद ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान 12 जनवरी को बीएमसी ने सोनू सूद को आदतन अपराधी बताया था।

मुंबई। लाॅकडाउन के दौरान लोगों की खुलकर मदद करने वाले अभिनेता सोनू सूदा को  बॉम्बे हाईकोर्ट से  कथित अवैध निर्माण के मामले में राहत नहीं मिली है।

अवैध निर्माण मामले में बीएमसी की नोटिस के खिलाफ अभिनेता सोनू सूद की याचिका को बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। अब सोनू सूद के निर्माण पर बीएमसी ही कार्रवाई करेगी।

मुंबई महानगरपालिका ने पिछले साल अक्टूबर में कथित अवैध निर्माण को लेकर सोनू सूद को नोटिस जारी किया था। उस नोटिस के खिलाफ सोनू सूद ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान 12 जनवरी को बीएमसी ने सोनू सूद को आदतन अपराधी बताया था। नपा ने अदालत में कहा था कि अभिनेता अवैध निर्माण के मामले में लगातार नियम तोड़ते रहे हैं।

मुंबई नगर निगम ने बंबई उच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामे में कहा था कि अभिनेता सोनू सूद आदतन अपराधी हैं, जो पहले दो बार विध्वंस कार्रवाई के बावजूद उपगनरीय जूहू में एक रिहायशी इमारत में अनधिकृत तरीके से निर्माण कार्य करवाते रहे हैं।

बीएमसी ने अपने नोटिस में आरोप लगाया था कि सूद ने छह मंजिला शक्ति सागर रिहायशी इमारत में ढांचागत बदलाव कर उसे वाणिज्यिक होटल में तब्दील कर दिया।

जानकारी के अनुसार बीएमसी ने पिछले साल अक्टूबर में अभिनेता को नोटिस जारी किया था। उस नोटिस को सूद ने दिसंबर 2020 में दिवानी अदालत में चुनौती दी, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी। इसके बाद उन्होंने बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया।

उच्च न्यायलय ने बीएमसी को इस मामले में हलफनामा दाखिल करने के लिये कहा था।नगर निकाय ने अपने हलफनामे में कहा, याचिकाकर्ता आदतन अपराधी हैं और अनधिकृत कार्य से पैसा कमाना चाहते हैं।

लिहाजा उन्होंने लाइसेंस विभाग की अनुमति के बगैर ध्वस्त किए गए हिस्से का एक बार फिर अवैध रूप से निर्माण कराया ताकि इसे होटल के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। बीएमसी ने सितंबर 2018 में अवैध निर्माण के लिये प्रारंभिक कार्रवाई शुरू की गई थी, लेकिन सूद ने अवैध निर्माण जारी रखा। 12 नवंबर 2018 के अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की गई।


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