बंबई उच्च न्यायालय से उद्धव सरकार को झटका, देना पड़ेगा मुआवजा, कंगना बोलीं लोकतंत्र की हुई जीत

टीम भारत दीप |

कंगना ने कोर्ट के फैसले को लोकतंत्र की जीत बताया।
कंगना ने कोर्ट के फैसले को लोकतंत्र की जीत बताया।

बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सात और नौ सितंबर को कंगना रणौत को बृह्नमुंबई महानगरपालिका द्वारा जारी किए गए नोटिस को खारिज कर दिया है। अदालत ने कंगना रनौत के कार्यालय पर मुंबई नगर पालिका द्वाराकी गई तोड़फोड़ को गलत बताया। इसे दुर्भावनापूर्ण इरादे से की गई कार्रवाई बताया है।

मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सात और नौ सितंबर को कंगना रणौत को बृह्नमुंबई महानगरपालिका द्वारा जारी किए गए नोटिस को खारिज कर दिया है।

अदालत ने कंगना रनौत के कार्यालय पर मुंबई नगर पालिका द्वाराकी गई तोड़फोड़ को गलत बताया। इसे दुर्भावनापूर्ण इरादे से की गई कार्रवाई बताया है। न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि कार्यालय में की गई तोड़फोड़ के कारण हुए नुकसान का पता लगाने के लिए एक वैल्यूअर नियुक्त किया जाएगा।

उस व्यक्ति द्वारा जो रिपोर्ट बनाकर दी जाएगी, उस आधार पर मुंबई नगर पालिका से हर्जाना वसूला जाएगा। अदालत ने अभिनेत्री से सोशल मीडिया और अन्य लोगों पर टिप्पणी करते हुए संयम बरतने को कहा है।

मालूम हो कि अभिनेता सुशांस सिंह राजपूत की मौत के बाद कंगना ने मुंबई पुलिस और उधव ठाकरे सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर  मोर्चा खोला था। कंगना पर दबाव बनाने के लिए ठाकरे सरकार ने कंगना रनौत के दफ्तर पर बुल्डोजर चलावाकर काफी नुकसान किया था।

इस कार्रवाई के खिलाफ देशभर में उद्धव के सरकार के खिलाफ  प्रदर्शन हुआ था। इस तोड़फोड़ के खिलाफ अभित्रनेत्री ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कोर्ट एक वैल्यूअर नियुक्त करेगी जो नुकसान का आंकलन करके रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी इसके बाद मुंबई नगर पालिका से हर्जाना वसूला जाएगा। जब से कोर्ट से फैसला आया है तब से लोग उद्धव सरकार और कंगना रनौत के खिलाफ सोशल मीडिया पर चर्चा कर रहे है। 

एक यूजर सुशांत सिन्हा ने ट्वीट किया कि बांबे हाईकोर्ट ने न सिर्फ कंगना राणावत के दफ्तर पर चले बुलडोजर की कार्रवाई को गलत बताया बल्कि तोड़ने वालों को भी हर्जाना भरने को कहा समझ नहीं पा रहा हूं कि संजय रावत उद्धव ठाकरे की भद ज्यादा बेहतर पिटवा रहे या उद्धव ठाकरे बालासाहेब के कमाएं नाम की तिलांजलि ज्यादा बेहतर दे रहे हैं।

कोर्ट ने बताया गलत हुई कार्रवाई: सितंबर में बीएमसी ने कंगना रनौत के मुंबई स्थित ऑफिस में जमकर तोड़फोड़ की थी। कंगना ने बॉम्बे हाई कोर्ट में बीएमसी के खिलाफ याचिका दी थी और मुआवजे की मांग की थी।

अब कोर्ट ने इस मामले में कंगना के पक्ष में फैसला दिया है। कोर्ट का कहना है कि बीएमएसी ने खराब नीयत से यह कदम उठाया था और कंगना का दफ्तर गलत इरादे से तबाह किया गया। कोर्ट ने कहा कि यह नागरिकों के आधिकार के भी विरुद्ध था।

कंगना ने लोकतंत्र की जीत बताया:मालूम हो कि कंगना ने 2 करोड़ के मुआवजे की मांग की थी। कंगना ने ट्वीट करके इस फैसले का स्वागत किया है। कंगना ने लिखा है, जब कोई सरकार के खिलाफ खड़ा होता है और जीतता है तो जीत उस इंसान की नहीं बल्कि लोकतंत्र की होती है। उन सभी का शुक्रिया जिन्होंने मुझे हौसला दिया, उनका भी शुक्रिया जो मेरे टूटे सपनों पर हंसे थे। आपके विलन बनने पर ही मैं हीरो बन सकी।
 


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