फिर टूट सकती है सपा: शिवपाल ने सीएम योगी से की मुलाकात, बन रहे बीजेपी में जाने के आसार

टीम भारत दीप |

शिवपाल के  बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी सीएम योगी से मिलने पहुंचे।
शिवपाल के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी सीएम योगी से मिलने पहुंचे।

शिवपाल यादव ने सीएम योगी से करीब आधे घंटे तक उनके आवास पर मुलाकात की। शिवपाल की इस मुलाकात ने कई अटकलों को जन्म दे दिया है। सबसे ज्यादा चर्चा मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव की तरह उनके ही रास्ते को चुनने को लेकर हो रही है। कहा जा रहा है कि शिवपाल यादव भी भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं।

लखनऊ। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद सपा उपजे विवाद के बाद चाचा-भतीजे में फिर तकरार बढ़ती जा रही है। राजनीतिक जानकार इसे सपा में एक और फूट के आसार बता रहे है। चाचा शिवपाल और भतीजे सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच रिश्ते बिगड़ते नजर आ रहे हैं।

सपा विधायकों की बैठक में शिवपाल को नहीं बुलाने और गठबंधन की बैठक में बुलाने के बाद भी नहीं आने से चाचा-भतीजे के बीच क्या चल रहा है यह अब सबके समझ में आ रहा है। इस बीच बुधवार को शिवपाल सिंह यादव सीएम योगी ने मिलने उनके आवास 5 कालीदास मार्ग पहुंचे।

शिवपाल यादव ने सीएम योगी से करीब आधे घंटे तक उनके आवास पर मुलाकात की। शिवपाल की इस मुलाकात ने कई अटकलों को जन्म दे दिया है। सबसे ज्यादा चर्चा मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव की तरह उनके ही रास्ते को चुनने को लेकर हो रही है। कहा जा रहा है कि शिवपाल यादव भी भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं। उनके बेटे आदित्य यादव आजमगढ़ से चुनाव लड़ सकते हैं।

आजमगढ़ चुनाव को लेकर कयास

शिवपाल यादव बुधवार को लखनऊ पहुंचे और विधानसभा में विधायक की शपथ ली। इसके बाद मुख्यमंत्री सीएम योगी के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की। करीब 30 मिनट तक शिवपाल की योगी आदित्यनाथ की चर्चा हुई। मुलाकात के बाद शिवपाल ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया। शिवपाल के मुलाकात के तुरंत बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी सीएम योगी से मिलने पहुंचे।

शिवपाल और सीएम योगी के इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि शिवपाल यादव अपने भतीजे अखिलेश यादव के बेरुखी से परेशान होकर भाजपा का दामन थाम सकते हैं। शिवपाल की राज्यसभा के रास्ते भाजपा में इंट्री पर अटकलें 26 मार्च के बाद से लगातार चल रही है। हालांकि अभी तक इसका खंडन शिवपाल और उनके समर्थकों की ओर से नहीं किया गया है।

बताया जा रहा है कि इटावा में शिवपाल ने अपने समर्थकों से मौजूदा हालात को देखते हुए उनके विचार जाने और पूछा कि उन्हें क्या करना चाहिए। समर्थकों ने शिवपाल से साफ-साफ कह दिया है कि उनके  हर निर्णय में समर्थक साथ होंगे। ऐसे में इस बात की उम्मीद बढ़ गई है कि शिवपाल यादव अपने बेटे आदित्य के साथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और समाजवादी पार्टी के टिकट पर जसवंत नगर के विधायक शिवपाल यादव की सीएम योगी से मुलाकात अचानक नहीं हुई है। इसके पीछे अखिलेश यादव से मिली उपेक्षा और अपने बेट आदित्य यादव की भविष्य की चिंता है।

ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि शिवपाल यादव अपने बेट आदित्य के सियासी भविष्य को लेकर परेशान है। भतीजे अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी से उन्हें वो सम्मान नहीं मिल रहा जिसके वह हकदार हैं। ऐसे में अपने बेटे के सियासी सफर की शुरुआत वो भाजपा से कराना चाहते है।

सूत्रों की मानें तो शिवपाल यादव चाहते है कि आजमगढ़ में होने वाले लोकसभा के उप-चुनाव में भाजपा आदित्य यादव को चुनावी मैदान में उतारे। आजमगढ़ यादव परिवार के लिए सबसे सुरक्षित सीट है। भाजपा के टिकट पर आजमगढ़ से चुनाव लड़ आदित्य दिल्ली पहुंच सकते हैं। साथ ही शिवपाल यादव प्रदेश की राजनीति करेंगे।

अमित शाह से भी कर चुके हैं मुलाकात

इससे पहले शिवपाल यादव अमित शाह से भी मुलाकात कर चुके है। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा शिवपाल यादव को साथ लेने को तैयार थी। लेकिन, शिवपाल ने परिवार की एकता के लिए समझौता करते हुए अखिलेश यादव के साथ जाना मुनासिब समझा।

शिवपाल यादव के करीबियों का दावा है कि तब अखिलेश यादव ने शिवपाल के साथ ही उनके अपनों को भी चुनावी मैदान में उतारने का भरोसा दिया था। लेकिन बाद मे टिकट सिर्फ शिवपाल यादव को ही दिया। चुनाव जीतने के बाद भी शिवपाल को वो सम्मान नहीं दिया गया जिसकी उम्मीद शिवपाल यादव को थी।

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