एक रूपये में भी नहीं बिकी फूलगोभी तो किसान ने उठाया यह कदम

टीम भारत दीप |
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किसानों ने घोषणा की कि अगर मांगे नहीं मानी गई तो बिहार के किसान भी दिल्ली कूच करेंगे।
किसानों ने घोषणा की कि अगर मांगे नहीं मानी गई तो बिहार के किसान भी दिल्ली कूच करेंगे।

किसान ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि गोभी की खेती में उसने चार हजार रुपये प्रति कट्ठा का खर्च किया। इसके बावजूद मंडी में यह एक रुपये किलो भी नहीं बिक रहा है। फसल तैयार करने से लेकर उसे मंडी में पहुंचाने में काफी खर्च हो जाता है, एक रुपये किलो भी नहीं बिक रही तो निराशा होती है।

बिहार। अभी एक माह पहले 40 से 50 रुपए किलो बिकने वाली गोभी इस समय एक रुपए किलो में भी कोई नहीं खरीदी रहा। सब्जियों की खेती करने वाले किसान इस समय सही भाव नहीं मिलने से परेशान है।

यहां त​क कि सब्जियों को बेचने की जगह मिट्टी में मिला रहे है। कुछ ऐसा ही देखने को मिला बिहार के समस्तीपुर जिले के मुक्तापुर में एक किसान ने अपनी गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर दिया।

किसान ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि गोभी की खेती में उसने चार हजार रुपये प्रति कट्ठा का खर्च किया। इसके बावजूद मंडी में यह एक रुपये किलो भी नहीं बिक रहा है।

फसल तैयार करने से लेकर उसे मंडी में पहुंचाने में काफी खर्च हो जाता है और मंडी में जब ये एक रुपये किलो भी नहीं बिक रही तो निराशा होती है। इसलिए मजबूरन अपनी फसल पर ट्रैक्टर चलवाकर उसे खेत में ही नष्ट करना पड़ा। 

किसान ने बताया कि दूसरी बार उसकी फसल बर्बाद हुई है। इससे पहले भी एक बार उसकी तैयार फसल को सस्ते में भी खरीदने वाला कोई नहीं मिला। अपनी योजना बताते हुए उन्होंने कहा कि-सब्जी की खेती से निराश होकर अबकी बार वह गेहूं उपजाएंगे।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से एक रुपया भी लाभ नहीं मिल रहा है। मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े राज्य के किसान संगठनों ने सोमवार को जिला मुख्यालयों पर उपवास रखा और प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन में वामदलों से जुड़े किसान संगठनों के अलावा असम्बद्ध किसान संगठनों ने भी भाग लिया। साथ ही जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा। घोषणा की कि अगर मांगे नहीं मानी गई तो बिहार के किसान भी दिल्ली कूच करेंगे। 


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