आजमगढ़ में चार फुट जमीन के लिए बड़े भाई की गर्दन फावड़े से काटकर की अलग

टीम भारत दीप |

घायल युवक की चीख सुनकर परिवार वाले जगे तो खून से सना शव देखकर परिवार में कोहराम मच गया।
घायल युवक की चीख सुनकर परिवार वाले जगे तो खून से सना शव देखकर परिवार में कोहराम मच गया।

हत्या के बाद हत्यारोपित भाई खून से सना हुआ फावड़ा लेकर कोतवाली पहुंच अपना गुनाह कुबूल कर आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस शव को कब्जे में लेकर विधिक कार्रवाई में जुट गई है।

आजमगढ़। आजमगढ़ के जीयनपुर कोतवाली में क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली वारदाता समाने आई है। यहां छोटे भाई ने फावड़े से काटकर बड़े भाई की हत्या कर दी।

घर में मौत की जानकारी होते ही घर में कोहराम मच गया। स्थानीय लोगों के मुताबिक यह हत्या जमीन के विवाद में हुई है। इस मामले में परिवार वाले कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। हत्या के बाद हत्यारोपित भाई खून से सना हुआ फावड़ा लेकर कोतवाली पहुंच अपना गुनाह कुबूल कर आत्मसमर्पण कर दिया।

पुलिस शव को कब्जे में लेकर विधिक कार्रवाई में जुट गई है।   आजमगढ़ के जीयनपुर बाजार अंतर्गत आदर्श नगर वार्ड बरई टोला निवासी मेवा चौरसिया 62 पान की दुकान चलाकर जीवन यापन करते थे। वह बुधवार की रात अपने निर्माणाधीन मकान के बाहर चारपाई पर सोए हुए थे।

रात में करीब ढाई बजे उनके छोटे भाई कैलाश चौरसिया 56 ने फावड़े से प्रहार कर उनकी हत्या कर दी। घायल युवक की चीख सुनकर परिवार वाले जगे तो खून से सना शव देखकर परिवार में कोहराम मच गया। कैलाश वारदात करने के बाद फावड़ा लेकर सीधा कोतवाली में जा पहुंचा।

पुलिस वाले हत्यारे को देख हुए स्तब्ध

हाथ में खून से सना हुआ फावड़ा देख पुलिस सकते में आ गई, लेकिन सच्चाई की जानकारी मिलते ही उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद इंस्पेक्टर हिमेंद्र सिंह फोर्स के साथ घटनास्थल पर जा पहुंचे।

वहां शव को कब्जे में लेकर विधिक कार्रवाई शुरू कर दी। परिवार के लोग इस हत्या के विषय मे कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। पुलिस का कहना है कि कैलाश आदर्श नगर में किराने की दुकान चलाता है।

वारदात की ठोस वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। जो जानकारी अभी सामने आई है उसके अनुसार भूमि विवाद और आरोपित के विक्षिप्त होने की भी बात सामने आई है। 

परिजनों ने बताई वजह

मृतक के बड़े पुत्र संजय चौरसिया ने बताया कि मेरी पुश्तैनी जमीन में मेरे चाचा चार फुट जमीन मांग रहे थे। कोर्ट में इस बाबत मुकदमा भी चल रहा था। चार अप्रैल को उसमें तारीख पड़ी थी। हम लोग जमीन देने को भी तैयार हो गए थे।

क्योंकि, हमारी बलदौर स्थित की एक पुश्तैनी जमीन पर प्रधानमंत्री आवास की प्रथम किस्त आई हुई है। वहां बुधवार हमलाेग नींव खुदवा रहे थे तो चाचा कैलाश हत्यारोपित ने वहां भी विवाद किया था।

उसी प्रतिशोध में मेरे पिता के गर्दन, चेहरा व हाथ पर फावड़ा से प्रहार कर हत्या कर दी गई। वहीं कोतवाल हेमेंद्र सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।


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