आजमगढ़: अहमदाबाद बम धमाकों में दोषियों के गांव संजरपुर में दूसरे दिन भी पसरा रहा सन्नाटा

टीम भारत दीप |

गांव में दूसरे दिन भी पूरी तरह‍ से सन्नाटा पसरा रहा।
गांव में दूसरे दिन भी पूरी तरह‍ से सन्नाटा पसरा रहा।

सजा पाने के बाद संजरपुर के सैफ, बीनापारा के अबु बशर के घर पर ताला लगा हुआ है। उनके परिजन कहां हैं किसी पड़ोसी को नहीं पता। कोई इस बाबत चर्चा भी नहीं करना चाहता। गौर करने की बात यह है कि अहमदाबाद धमाके में यहां आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले छह लोगों को फांसी की सजा हुई है।

आजमगढ़। यूपी का आजमगढ़ जिले के कुछ लड़कों की कारगुजारियों की वजह से पूरे देश में बदनाम है। अब अहमदाबाद बम धमाकों में आजमगढ़ जिले के छह लोगों को फांसी की सजा मिलने के बाद से ही अभियुक्‍तों के घर सन्‍नाटा पसरा हुआ।

वारदात में शामिल अभियुक्‍तों के गांव में शनिवार की सुबह से ही सन्‍नाटा रहा और घरों में संबंधित मामले में खबरों को लेकर गहमागहमी और परिचर्चाओं का दौर चलता रहा। इस बाबत गांव के लोगों में फांसी की सजा को लेकर घरों के भीतर ही चर्चा है। 

आरोपितों के घर लगा ताला

सजा पाने के बाद संजरपुर के सैफ, बीनापारा के अबु बशर के घर पर ताला लगा हुआ है। उनके परिजन कहां हैं किसी पड़ोसी को नहीं पता। कोई इस बाबत चर्चा भी नहीं करना चाहता। गौर करने की बात यह है कि अहमदाबाद धमाके में यहां आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले छह लोगों को फांसी की सजा हुई है।

अहमदाबाद सीरियल धमाके में फांसी की सजा पाए दोषियों के घर और गांव में दूसरे दिन भी पूरी तरह‍ से सन्नाटा पसरा रहा। सरायमीर थाना क्षेत्र के संजरपुर के दो दोषियों को सजा मिलने की जानकारी के बाद से गांव की गलियां सूनी पड़ी थीं। सुबह के वक्त साथ बैठने वाले भी नहीं दिखे।

ऊपर की अदालत में करेंगे अपील

बटला हाउस कांड के बाद बनी संजरपुर कमेटी के तारिक शफीक और मसीउद्दीन संजरी एक दिन पहले आरिफ के घर पहुंचकर उसके पिता नसीम से बातचीत की। उसके बाद कहा कि सजा के खिलाफ ऊपर की अदालत में जा सकते हैं। बेटे को फांसी की सजा सुनाए जाने की जानकारी के बाद पहले से बीमार नसीम की तबीयत और भी खराब हो गई। वह किसी से कोई बात करने के लिए तैयार नहीं थे। यही हाल अन्य परिवारों का भी रहा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीनापारा के अबु बशर, संजरपुर के मोहम्मद सैफ, कोट किला के जीशान के घर पर ताला बंद था तो बाकी लोगों के घरों पर कोई बात करने को तैयार नजर नहीं आया। इसरौली के आरिफ बदर के परिवार में पत्नी व बच्चों ने अंदर से घर बंद कर लिया था। लगभग यही स्थित हर उन गांवाें की रही जहां के लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। सवाल होने के पहले ही चौखट के भीतर से बंद होते किवाड़ सब कुछ ठीक नहीं होने की गवाही दे रहे हैं। 

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