ठंड से बचने जलाई अंगीठी,आग झोपड़ी तक पहुंची तीन बच्चों की मौत,पत्नी गंभीर

टीम भारत दीप |

बगल की झोपड़ी में सोए बबलू का साला नंदू व अन्य लोग मौके पर पहुंचे और हैंडपंप से पानी लेकर आग को बुझाने लगे।
बगल की झोपड़ी में सोए बबलू का साला नंदू व अन्य लोग मौके पर पहुंचे और हैंडपंप से पानी लेकर आग को बुझाने लगे।

बबलू वनवासी पत्नी भागीरथी व तीन बच्चों के साथ भटठा पर ईंट की पथाई का कार्य करता था। काम समाप्त होने पर बुधवार की रात में खाना खाने के बाद बबलू परिवार के साथ भट्टा परिसर स्थित अपने झोपड़ी में रोज की तरह एक किनारे जली अंगीठी रखकर नीचे पुआल पर पड़े बिस्तर पर सो गया।

गाजीपुर। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर थाना क्षेत्र के लहुआर गांव स्थित ईंट-भटठे पर काम करने वाले एक परिवार के घर दर्दनाक हादसा हो गया इस हादसे में तीन मासूम बच्चों की आग से जलकर मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार बुधवार देर रात झोपड़ी में अलाव की आग से बेटी पूजा (13), बेटा चंद्रिका (7) व डमरू (4) की झुलसकर मौत हो गई। मां भागीरथी जीवन-मौत से वाराणसी अस्पताल में संघर्ष कर रही है, जबकि पिता बबलू वनवासी मामूली रूप से झुलसा है।

मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजते हुए पड़ताल शुरू कर दी है। चंदौली जनपद के शहर कोतवाली के दिग्घी गांव निवासी बबलू वनवासी पत्नी भागीरथी व तीन बच्चों के साथ भटठा पर ईंट की पथाई का कार्य करता था।

काम समाप्त होने पर बुधवार की रात में खाना खाने के बाद बबलू परिवार के साथ भट्टा परिसर स्थित अपने झोपड़ी में रोज की तरह एक किनारे जली अंगीठी रखकर नीचे पुआल पर पड़े बिस्तर पर सो गया। रात करीब एक बजे अंगीठी की आग बिस्तर से होते हुए झोपड़ी में लग गई।

आग की लपटें देख बबलू झोपड़ी से बाहर निकलकर चीखने-चिल्लाने लगा। बगल की झोपड़ी में सोए बबलू का साला नंदू व अन्य लोग मौके पर पहुंचे और हैंडपंप से पानी लेकर आग को बुझाने लगे।

पत्नी बच्चों को निकाला बाहर

इस दौरान पत्नी भागीरथी व चार वर्षीय पुत्र डमरू को वह झुलसे हाल में बाहर निकालने में कामयाब रहा, लेकिन पूजा व चंद्रिका दम तोड़ चुके थे। जानकारी मिलते ही भटठा मालिक झुलसे तीनों लोगों को दिलदारनगर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया।

हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने उन्हें वाराणसी के लिए रेफर कर दिया, जहां उपचार के दौरान गुरुवार की सुबह डमरू ने भी दम तोड़ दिया। दोपहर बाद किसी से घटना की जानकारी पर क्षेत्राधिकारी हितेंद्र कृष्ण, तहसीलदार आलोक कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों से घटना की जानकारी ली। उधर, इस घटना के बाद अधिकतर मजदूर घर निकल लिए। 

गांव में शोक में नहीं जले चूल्हे 

सदर कोतवाली के डिग्घी गांव में गुरुवार की शाम तीन बच्चों की मौत की खबर से सन्नाटा पसर गया। वनवासी बस्ती में शोक में चूल्हा भी नहीं जला। बबलू वनवासी अपने तीन बच्चों व पत्नी भागीरथी के साथ गाजीपुर स्थित एक भठ्ठे पर ईटा पथाई का कार्य करता था।

बुधवार की देर रात अज्ञात कारणों से लगी आग के कारण उसके सो रहे पुत्र चंद्रिका 7 वर्ष, डमरु 5 वर्ष व पुत्री पूजा 13 वर्ष की मौत हो गई, वहीं पत्नी भागीरथी गंभीर रूप से झुलस गई। भागीरथी का इलाज वाराणसी के बीएचयू में चल रहा है। 


संबंधित खबरें