देश में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने, संसद में विधेयक लाने की खबर से घटी डिजिटल करेंसी की कीमत

टीम भारत दीप |

आरबीआई खुद अपनी डिजिटल करेंसी लाने की तैयारी में है।
आरबीआई खुद अपनी डिजिटल करेंसी लाने की तैयारी में है।

देश को क्रिप्टोकरेंसी के खतरे से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के लिए तैयार की गई अपनी विधायी कार्य योजना में डिजिटल मुद्रा 'क्रिप्टोकरेंसी' को लेकर एक विधेयक को सूचीबद्ध किया है। 

नई दिल्ली। देश में सभी  तरह की क्रिप्टोकरेंसी  यानि बिटक्वाइन को प्रतिबंधित करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार एक विधेयक लाने जा रही है। इस विधेयक की खबर के बाद क्रिप्टो बाजार में भारी गिरावट देखी गई है। आपकों बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत 29 नवंबर से होगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 23 नवंबर की रात 11 बजे सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी में लगभग 15 फीसदी या उससे अधिक की गिरावट देखी गई। वहीं बिटकॉइन में 17 फीसदी से अधिक, एथेरियम में लगभग 15 फीसदी और टीथर में लगभग 18 फीसदी की गिरावट आई।

देश को क्रिप्टोकरेंसी के खतरे से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के लिए तैयार की गई अपनी विधायी कार्य योजना में डिजिटल मुद्रा 'क्रिप्टोकरेंसी' को लेकर एक विधेयक को सूचीबद्ध किया है। इस बिल को क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2021 नाम दिया गया है।

यह विधेयक बजट सत्र के दौरान भी पेश किया था

इस विधेयक को लाने का उद्देश्य भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक व्यवस्था तैयार करना और देश में सभी डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना है। केंद्र सरकार ने चर्चा के लिए इस विधेयक को इस साल संसद में बजट सत्र के दौरान भी पेश किया था।

सरकार तैयार कर रही योजना

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संसद में विधेयक पेश करने का फैसला लेने से पहले केंद्र सरकार ने इसे लेकर कई बैठकें की थीं।

ये बैठकें देश में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल के लिए जरूरी फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए और इससे संबंधित चुनौतियों का समाधान ढूंढने के लिए आयोजित की गई थीं। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर केंद्र का रुख खास सकारात्मक नहीं दिखा है।

एक रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में क्रिप्टोकरेंसी के लगभग डेढ़ करोड़ उपभोक्ता हैं और इनकी कुल कीमत छह अरब डॉलर से ज्यादा है। बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिटक्वाइन को युवा पीढ़ी के लिए एक खतरा करार दिया था और कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी का गलत इस्तेमाल न हो यह सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक भागीदारी की जरूरत है। 

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