युद्ध का खतरा: यूक्रेन बॉर्डर पर लगा हथियारों का जमावड़ा, कभी भी अटैक कर सकता है रूस, अमेरिका ने दी चेतावनी

टीम भारत दीप |

'ऐसा लगता है कि पहले से कहीं ज्यादा रूस ने अब मिलिट्री ऐक्शन की तैयारी कर ली है।'
'ऐसा लगता है कि पहले से कहीं ज्यादा रूस ने अब मिलिट्री ऐक्शन की तैयारी कर ली है।'

एक तरफ रूस ने ब्लैक सी में पनडुब्बियों की तैनाती कर दी है तो वहीं मैदानी सीमा पर अन्य हथियार का बेड़ा बढ़ा दिए हैं। एक लाख से ज्यादा सैनिक पहले ही लगातार यूक्रेन सीमा पर डटे हुए हैं। ऐसे में युद्ध की आशंका बनी हुई है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से बयान जारी कर लोगों को एक बार फिर से निकलने की हिदायत दी गई है।

कीव। एक बार फिर विश्व समुदाय पर युद्ध का खतरा मडरा रहा है। यूक्रेन को लेकर रूस और अमेरिका में तनाव बढ़ता जा रहा है। यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं निकाला गया तो युद्ध छिड़ जाएगा।

यूक्रेन को लेकर रूस पीछे हटता नहीं दिख रहा है। रूस की ओर से यूक्रेन सीमा पर लगातार सैनिकों का जमावड़ा बढ़ाया जा रहा है। यही नहीं पनडुब्बी, मिसाइल, होवित्जर तोपों, टैंक जैसे घातक हथियारों की तैनाती में भी इजाफा किया जा रहा है। 

एक तरफ रूस ने ब्लैक सी में पनडुब्बियों की तैनाती कर दी है तो वहीं मैदानी सीमा पर अन्य हथियार का बेड़ा बढ़ा दिए हैं। एक लाख से ज्यादा सैनिक पहले ही लगातार यूक्रेन सीमा पर डटे हुए हैं। ऐसे में युद्ध की आशंका बनी हुई है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से बयान जारी कर लोगों को एक बार फिर से निकलने की हिदायत दी गई है।

अमेरिका ने दी चेतावनी

वहीं आपकों बता दें कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा, 'ऐसा लगता है कि पहले से कहीं ज्यादा रूस ने अब मिलिट्री ऐक्शन की तैयारी कर ली है।' अमेरिका ने यह भी कहा है कि हमारे अनुमान के मुताबिक रूस का यूक्रेन पर अटैक कभी भी हो सकता है।

इस बीच अमेरिकी रक्षा मंत्रालय भी एक्टिव नजर आ रहा है। रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन जल्दी ही यूरोप की यात्रा पर निकलेंगे। वह नाटो मुख्यालय जाएंगे और पोलैंड में तैनात अमेरिकी सैनिकों से मुलाकात करेंगे। इस दौरान वह लिथुआनिया, लाटविया और एस्टोनिया के डिफेंस मिनिस्टरों से मुलाकात करेंगे। अमेरिका का कहना है कि ये बाल्टिक देश भी रूस के आक्रामक रुख से चिंतित हैं। 

बिना चेतावनी के अटैक कर सकता है रूस

पेंटागन के प्रवक्ता लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि हम अब भी यह नहीं कह सकते हैं कि इस संबंध में कोई आखिरी फैसला हो गया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में मिलिट्री ऐक्शन की शुरुआत कभी भी हो सकती है।

यह भी संभव है कि रूस बिना किसी ऐलान के ही यूक्रेन पर अटैक शुरू कर दे। इस बीच अमेरिका समेत कई देशों ने अपने दूतावासों के गैर-जरूरी स्टाफ को निकालना शुरू कर दिया है। अमेरिका की ओर से अपने नागरिकों से निकलने की अपील पहले की जा चुकी है। इस बीच डच एयरवेज केएलएम समेत कई एयरलाइन कंपनियों ने यूक्रेन के एयरस्पेस का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है। 

 रूस पर लग सकता है बैन

हिन्दी दैनिक हिन्दुस्तान में चल रही खबर के मुताबिक इस संकट के बाद भी जर्मनी और ब्रिटेन जैसे देश युद्ध को टालने के प्रयासों में जुटे हैं। ब्रिटेन ने रूस से अपील की है कि वह अपने सैनिकों को पीछे कर ले। इसके अलावा जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज भी रूस और यूक्रेन की यात्रा पर हैं।

फ्रांस समेत कई यूरोपीय देशों ने रूस को युद्ध को लेकर चेतावनी भी दी है। फ्रांस ने कहा कि यदि रूस यूक्रेन पर अटैक करता है तो फिर उसे प्रतिबंधों के लिए तैयार रहना होगा। वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 1 लाख सैनिकों के सीमा पर जमावड़े की बात से इनकार किया है।

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