यूपी:योगी कैबिनेट का हुआ विस्तार, इन 7 नए मंत्रियों ने ली शपथ

टीम भारत दीप |
अपडेट हुआ है:

रविवार को योगी सरकार का दूसरी बार कैबिनेट विस्तार हुआ है।
रविवार को योगी सरकार का दूसरी बार कैबिनेट विस्तार हुआ है।

7 नए मंत्रियों ने शपथ ली। जानकारी के मुताबिक सबसे पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद ने मंत्री पद की शपथ ली। बताया गया कि जिन मंत्रियों ने शपथ ली, वे सभी राज्य मंत्री होंगे। नए मंत्रियों में 3 ओबीसी, दो दलित, एक एसटी और एक ब्राह्मण चेहरा शामिल हैं।

लखनऊ। बीते काफी समय से योगी कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं के बीच आखिरकार रविवार को योगी सरकार का दूसरी बार कैबिनेट विस्तार हुआ है। इसमें 7 नए मंत्रियों ने शपथ ली। जानकारी के मुताबिक सबसे पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद ने मंत्री पद की शपथ ली।

बताया गया कि जिन मंत्रियों ने शपथ ली, वे सभी राज्य मंत्री होंगे। नए मंत्रियों में 3 ओबीसी, दो दलित, एक एसटी और एक ब्राह्मण चेहरा शामिल हैं।

इन 7 लोगों ने ली मंत्री पद की शपथ

जितिन प्रसाद (ब्राह्मण)- सबसे पहले जितिन प्रसाद ने शपथ ली। बता दें कि तीन माह पहले वह कांग्रेस से भाजपा में आए थे। पहली बार वे 2004 में अपने गृह क्षेत्र शाहजहांपुर से लोकसभा चुनाव जीते थे।

छत्रपाल गंगवार (कुर्मी) - ये बरेली के बहेड़ी से विधायक हैं। कुर्मी समाज से आते हैं। इनकी उम्र 65 साल है। बताया जा रहा है कि ये रुहेलखंड क्षेत्र को कवर करेंगे।

पलटू राम (दलित)- तीसरे नंबर पर शपथ ली। ये बलरामपुर से आते हैं। 2017 में पहली बार जीते थे। दलित समुदाय से आते हैं।

संगीता बिंद (ओबीसी)- चौथे नंबर पर शपथ ली। पहली बार विधायक चुनी गई हैं। इनकी उम्र 42 साल हैं। पिछड़ी जाति से आती हैं। गाजीपुर सदर सीट से आती हैं। छात्र राजनीति भी की है।

संजीव कुमार (अनुसूचित जाति) - सोनभद्र के ओबरा सीट से विधायक हैं। ये अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष हैं। आदिवासी समुदाय से आते हैं।

दिनेश खटीक (एससी)- इन्होंने छठे नंबर पर शपथ ली। मेरठ के हस्तिनापुर सीट से विधायक हैं। खटीक (सोनकर) समाज से आते हैं। यह पश्चिम यूपी से मंत्री बने हैं।

धर्मवीर प्रजापति (ओबीसी)- इन्होंने सबसे आखिरी नंबर पर शपथ ली। धर्मवीर प्रजापति हाथरस से आते हैं। यह विधान परिषद सदस्य हैं। 2021 में ही विधान परिषद में पहुंचे हैं। माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं।

बता दें कि इससे पहले राज्यपाल आनंदी बेन पटेल दोपहर 12:45 बजे गुजरात से लखनऊ राजभवन पहुंचीं। जिसके बाद दोपहर 2 बजे एक हाई लेवल मीटिंग हुई। इसमें कैबिनेट विस्तार की अधिकारिक घोषणा की गई। वहीं माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से ऐन पहले हुए इस कैबिनेट विस्तार के जरिए भाजपा ने सूबे में जातीय समीकरण साधने का दांव चला है।


संबंधित खबरें