प्रयागराज में पुलिस की कार्रवाई के विरोध में ग्रामीणों ने नेताजी को गांव से खदेड़ा

टीम भारत दीप |

डॉ. संजय निषाद ने  समर्थकों के साथ प्रयागराज- रीवा राष्ट्रीय मार्ग पर चक्का जाम कर दिया।
डॉ. संजय निषाद ने समर्थकों के साथ प्रयागराज- रीवा राष्ट्रीय मार्ग पर चक्का जाम कर दिया।

गुरुवार दोपहर बाद एडीएम प्रशासन विजय शंकर द्विवेदी की अगुवाई में नैनी कोतवाली के मोहब्बतगंज, ठकुरी का पुरवा और घूरपुर थाना क्षेत्र के बसवार गांव में यमुना घाटों पर पहुंची पुलिस टीम ने घाट पर  डंप की गई हजारों टन बालू जेसीबी से नदी में फेंकवा दिया था। इस दौरान तोड़फोड़ कर कई नावों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था ।

प्रयागराज। पुलिस द्वारा रेत माफिया के विरोध में की गई कार्रवाई का विरोध निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय निषाद और समर्थकों को झेलना पड़ा।

मालूम हो कि गुरुवार अवैध रूप से रेत उत्खनन रोकने के लिए गई पुलिस ने कार्रवाई करते नाविकों की नावों को नुकसान पहुंचाया था। इसके अलावा मजदूरों से भी मारपीट की थी।

इससे बालू मजदूरोंमें काफी आक्रोश है।इसी के तहत  शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में लामबंद मजदूर गांव पहुंचे।

मजदूरों ने निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय निषाद और उनके समर्थकों तथा भाजपा नेता पीयूष रंजन निषाद को गांव से खदेड़ दिया। मजदूरों ने गांव में रैली और सभा कर प्रशासनिक कार्रवाई का विरोध करते हुए आंदोलन की चेतवानी दी।

डंप रेत को प्रशासन ने नदी में मिलाया था

मालूम हो कि गुरुवार दोपहर बाद एडीएम प्रशासन विजय शंकर द्विवेदी की अगुवाई में नैनी कोतवाली के मोहब्बतगंज, ठकुरी का पुरवा और घूरपुर थाना क्षेत्र के बसवार गांव में यमुना घाटों पर पहुंची

पुलिस टीम ने घाट पर  डंप की गई हजारों टन बालू जेसीबी  से नदी में फेंकवा दिया था। इस दौरान तोड़फोड़ कर कई नावों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था ।

ग्रामीणों ने मंत्री के काफिले को दौड़ाया

आरोप है कि जब गांव के लोग रोकने गए तो उनकी पिटाई की गई। इसे लेकर क्षेत्र के मजदूरों में भारी गुस्सा है। शुक्रवार को निषाद पार्टी के डॉ, संजय निषाद, पीयूष रंजन निषाद, दल बल के साथ बसवार गांव पहुंचे तो पहले से आक्रोशित मजदूरों ने हाथ में ईट पत्थर, लाठी डंडा लेकर उनके काफिले को दौड़ा लिया।

संजय निषाद के अंगरक्षक उनको सुरक्षित बाहर निकाल ले आए लेकिन काफिले में सम्मिलित कुछ लोगों से भीड़ ने हाथापाई भी की। बाद में अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा की अगुवाई में गांव में रैली निकाली गई।

सभा कर दोषियों को दंडित करने, मल्लाहों को हुए नुकसान का मुआवजा देने और मजदूरों के ऊपर लगाए गए फर्जी मुकदमे रद्द करने की मांग करते हुए आंदोलन करने की रणनीति तैयार की गई। इसमें बसवार, बीकर, कंजासा कैनुवा बिरवल आदि गांवों के सैकड़ों मजदूर शामिल रहे।

पार्टी पदाधिकारी घायल, मोबाइल फोन छीना 

शुक्रवार को आक्रोशित बालू मजदूरों ने डॉ. संजय निषाद के काफिले को बसवार गांव से वापस खदेड़ना शुरू किया तो निषाद पार्टी के आईटी सेल के प्रदेश प्रभारी संजीत निषाद उनके हत्थे चढ़ गए।

मजदूरों ने उनका मोबाइल छीन लिया और उनके साथ मारपीट और धक्का-मुक्की की। बाद में गांव के कुछ बड़े बुजुर्गों ने बीच-बचाव कर पार्टी नेता को भीड़ से बचाया। संजीत ने एसएसपी प्रयागराज से हमलावरों की शिकायत की है।

सांसद ने किया चक्काजाम

बालू मजदूरों के साथ हुई मारपीट और नावे तोड़े जाने से आक्रोशित निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने शुक्रवार को सैकड़ों समर्थकों के साथ मामा भांजा बाजार में प्रयागराज रीवा राष्ट्रीय मार्ग पर चक्का जाम कर दिया।

सांसद द्वारा चक्का जाम किए जाने की सूचना से जिले के अधिकारियों के हाथ-पैर फूल गए। मौके पर तत्काल कई थानों की फोर्स और पीएसी भेजी गई।

नैनी थाने के एक इंस्पेक्टर ने सांसद से जाम समाप्त करने को कहा तो उनका गुस्सा और फूट पड़ा । सांसद ने इंसपेक्टर को जमकर फटकार लगाई। चक्काजाम से हाइवे पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई।

तकरीबन आधे घंटे बाद मौके पर पहुंचे एसडीएम बारा विनोद कुमार पांडेय ने सांसद की वरिष्ठ अधिकारियों से बात कराई। अधिकारियों से सांसद की मांग थी कि दोषी पुलिस वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। मजदूरों पर दर्ज किए गए मुकदमे वापस लिए जाएं। 


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