उखड़ती सांसों पर खोखले तंत्र का पहराः आगरा में तहसीलदार के उत्पीड़न से तंग अस्पताल ने लगाई ये गुहार

टीम भारत दीप |

इस तरह के मानसिक उत्पीड़न से तंग होकर हम कोविड सेन्टर को बंद करने की अनुमति चाहते हैं।
इस तरह के मानसिक उत्पीड़न से तंग होकर हम कोविड सेन्टर को बंद करने की अनुमति चाहते हैं।

चारों ओर ऑक्सीजन की कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। इस दरम्यान शासन-प्रशासन के तमाम दांवों के बीच जमीनी हालात बद् से बद्तर होते जा रहे है। बावजूद इसके संवेदनहीन हो चुका तंत्र टस से मस नहीं हो रहा है। तमाम दांवों के बीच लापरवाह व बेशर्म तंत्र की मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरे लगातार सामने आ रही है। ताजा मामला यूपी के आगरा जिले का है।

आगरा। कोरोना के कहर के बीच ऑक्सीजन की कमी के कारण लोग तड़प-तड़प कर दम तोड़ रहे हैं। चारों ओर ऑक्सीजन की कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। इस दरम्यान शासन-प्रशासन के तमाम दांवों के बीच जमीनी हालात बद् से बद्तर होते जा रहे है। बावजूद इसके संवेदनहीन हो चुका तंत्र टस से मस नहीं हो रहा है।

तमाम दांवों के बीच लापरवाह व बेशर्म तंत्र की मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरे लगातार सामने आ रही है। ताजा मामला यूपी के आगरा जिले का है। यहां एक तहसीलदार की दबंगई लोगों की सांसों पर भारी पड़ रही है। आए दिन ऑक्सीजन सप्लाई में बाधा बनी तहसीलदार की करतूत से आजिज आकर अब अस्पताल प्रशासन ने कोरोना मरीजों के इलाज से हाथ खड़े कर लिए हैं।

साथ ही अस्पताल प्रशासन ने कोविड सेंटर बंद करने की अनुमति मांगी है। दरअसल कोरोना के कहर के बीच ऑक्सीजन की किल्लत के चलते लोग तड़प-तड़प कर दम तोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। दूसरी तरफ लापरवाह व बेशर्म तंत्र की मानवता को शर्मसार करने वाली करतूतंे लगातार सामने आ रही हैं।

जानकारी के मुताबिक यहां कालंदी विहार, एडीए आॅफिस के निकट स्थित चैहान हाॅस्पिटल एण्ड आई केयर को कोविड सेंटर बनाया गया है। लेकिन अब अस्पताल प्रशासन ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर कोविड सेन्टर को बंद करने की अनुमति मांगी है। इसके पीछे की वजह ऑक्सीजन सप्लाई में रोड़ा बन रही तहसीलदार की करतूत बताई जा रही है।

दरअसल अस्पताल प्रशासन द्वारा लिखे गए पत्र के मुताबिक अस्पताल प्रशासन ने कोविड सेन्टर को बंद करने की बात कहते हुए लिखा कि चैहान हाॅस्पिटल कोविड सेन्टर के रूप में संचालित है। बताया गया कि हाॅस्पिटल में 30 सिलेंडर थे जिनमें से भरे हुए 15 सिलेंडर तहसीलदार प्रीति जैन ने छीन लिए। साथ ही यह भी कहा गया कि प्रीति जैन आए दिन ऑक्सीजन की सप्लाई में बाधा बनती है।

ऐसे में मरीज की जान के साथ खेलवाड़ नहीं किया जा सकता। कहा गया कि इस तरह के मानसिक उत्पीड़न से तंग होकर हम कोविड सेन्टर को बंद करने की अनुमति चाहते हैं। दरअसल ये कोई एक मामला नहीं जहां कोरोना मरीजों की सांसों से संसाधन के आभाव में खेलवाड़ किया जा रहा है। बल्कि ये हाल प्रदेश में करीब-करीब हर ओर देखने को मिल रहा है।

यकीन न हो तो श्मशान में जलती चिताओं की उठती चपटों से जाकर पूंछ लो। वह खुद ही बदहाल व्यवस्था व खोखले तंत्र की पोल खोल कर रख देंगी।

 

 


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