मध्यप्रदेश में जब मालिक पर बाघ ने किया हमला तो भैंसों ने इस तरह घेरा बनाकर बचाई जान

टीम भारत दीप |

किसी तरह चरवाहा घर पहुंचा। चरवाहे पर हमले की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची।
किसी तरह चरवाहा घर पहुंचा। चरवाहे पर हमले की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची।

भैंसों ने बिना डरे बाघ को घेर लिया भैंसों की लाल आंखे देखकर बाघ डर गया और वह युवक को छोड़कर फरार हो गया। इसके बाद युवक किसी तरह जब घर पहुंचा तो घर वालों के होश उड़ गए। घायल युवक को लेकर अस्पताल पहुंचे तो उसका इलाज किया गया अब वह खतरे से बाहर है।

उमरिया मध्यप्रदेश। जिस तरह से एक चरवाहा अपने मवेशियों की सुरक्षा करता है, ठीक वैसे ही उसके मवेशी उसकी सुरक्षा करते है। यह बात मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में सही साबित हुई। यहां एक युवक अपने मवेशियों को चराने के लिए जंगल लेकर गया था।

जब वह अपनी भैंसों को पानी पीलाकर लौट रहा था, तभी उसके उपर एक बाघ ने हमला कर दिया। बाघ ने युवक को  बुरी तरह घायल कर दिया। बाग जब युवक को मुंह में दबाकर उठाकर ले जाने लगा तो उसकी भैंसे उसकी जान बचाने के लिए आगे आई।

भैंसों ने बिना डरे बाघ को घेर लिया भैंसों की लाल आंखे देखकर बाघ डर गया और वह युवक को छोड़कर फरार हो गया। इसके बाद युवक किसी तरह जब घर पहुंचा तो घर वालों के होश उड़ गए। घायल युवक को  लेकर अस्पताल पहुंचे तो उसका इलाज किया गया अब वह खतरे से बाहर है। यदि उसकी भैंसे उसे बचाने आगे नहीं आती तो वह काल के गाल में समा गया होता। 

उमरिया के रहने वाले 26 वर्षीय चरवाहा लल्लू यादव ने बताया कि हमेशा की तरह वह रविवार को भी मवेशी चराने गांव से लगे जंगल में गया था। सेहरा तालाब 'वाटर होल' एरिया में दोपहर करीब तीन बजे के आसपास मवेशियों को पानी पिला कर वापस गांव की तरफ लौट रहा था।

इस दौरान अचानक पीछे से टाइगर ने हमला कर दिया। मौके पर मौजूद मवेशियों ने टाइगर के चंगुल से घेरा बनाकार उसे बचा लिया है। भैसों का घेरा देख टाइगर वहां से भाग निकला और चरवाहे की जान की बच गई। टाइगर के वहां से जाने के बाद चरवाहे ने वन विभाग को इसकी सूचना दी।

किसी तरह चरवाहा घर पहुंचा, इसके बाद परिजन उसे अस्पताल लेकर गए। चरवाहे पर हमले की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। उसके बाद समुचित इलाज के लिए मानपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया है।

लल्लू ने बताया कि मैं बाघ के झपट्टा मारते ही जमीन पर गिर पड़ा। पंजा गाल और कंधे पर लगा था। उसके बाद सामने देखा तो बाघ खड़ा है। वह दोबारा हमला करने ही वाला था कि भैंसों ने तेज आवाज करते हुए वहां घेरा बना लिया। उसके बाद बाघ वहां से भाग खड़ा हुआ।
 


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