पति से नहीं मिला दांपत्य सुख तो पत्नी पहुंच गई न्यायालय, जाने फिर क्या हुआ

टीम भारत दीप |

डाॅक्टर पति  को ग्वालियर बुलाने के लिए कुटुंब न्यायालय के न्यायाधीश को ही फोन लगाना पड़ा।
डाॅक्टर पति को ग्वालियर बुलाने के लिए कुटुंब न्यायालय के न्यायाधीश को ही फोन लगाना पड़ा।

पति- पत्नी को इंग्लैंड साथ नहीं ले जाना चाहता, परेशान पत्नी ने न्यायालय की शरण लेकर गुहार लगाई है कि उसे दांपत्य जीवन का सुख नहीं मिल रहा है, इसलिए उसका तलाक कराया जाए।तलाक से बचने के लिए पति ने गत माह कोर्ट में आवेदन दिया था कि वह पत्नी को साथ रखकर दांपत्य जीवन का सुख देना चाहता है, इसलिए उसे एक और मौका दिया जाए।

ग्वालियर- मध्यप्रदेश। दांपत्य जीवन को चलाने के लिए पति- पत्नी को साथ- साथ चलना होता है। यदि दोनों में से कोई भी आगे-पीछे हुआ तो परिवार रूपी गाडी पटरी से उतर जाती है। यहीं  कारण है कि इस समय तेजी से भाग रही जिंदगी में पारिवारिक कलह का मामला तेजी से बढ रहा है।

कुटुंभ न्यायालय में एक-दूसरे से अलग होने के केस सबसे ज्यादा हो रहे है। इसी तरह ग्वालियर कुटुंम्ब न्यायालय में केस इन दिनों सुर्खियों में छाया हुआ है। यहां पति पत्नी दोनों पेशे से डाॅक्टर है। पति इंग्लैड में रहकर प्रेक्टिस कर रहा है और पत्नी इस समय जालंधर में रह रही है।

पति- पत्नी को इंग्लैंड साथ नहीं ले जाना चाहता, परेशान पत्नी ने न्यायालय की शरण लेकर गुहार लगाई है कि उसे दांपत्य जीवन का सुख नहीं मिल रहा है, इसलिए उसका तलाक कराया जाए।तलाक से बचने के लिए पति ने गत माह कोर्ट में आवेदन दिया था कि वह पत्नी को साथ रखकर दांपत्य जीवन का सुख देना चाहता है, इसलिए उसे एक और मौका दिया जाए।

बुधवार को इसी मामले में कोर्ट में सुनवाई थी,लेकिन पति इंग्लैंड से नही आया केस की कार्रवाई आगे बढाने के लिए जज ने कोर्ट से पति को फोन लगाया लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। डाॅक्टर पति  को ग्वालियर बुलाने के लिए कुटुंब न्यायालय के न्यायाधीश को ही फोन लगाना पड़ा और कई फोन करने के बाद उसने बात नहीं फोन नहीं उठाया की।

इसको लेकर पत्नी की ओर से तर्क दिया गया कि पति अपने साथ रखने के लिए नाटक कर रहा है। साथ रखने का आवेदन लगाकर वह एक भी बार नहीं आया और न ही  बात करना चाह रहा है। इसलिए पति के आवेदन को खारिज किया जाए। सुनवाई के दौरान लड़के की मां उपस्थित रही। कोर्ट ने मां को निर्देश दिया है कि पहले उसे बुलाया जाए।

विज्ञापन देखकर तय हुआ था रिश्ता

मालूम हो कि दोनों का रिश्ता मेट्रोमोनियल साइट पर चल रहे विज्ञापन को देखने के बाद परिवार वालों ने रिश्ता तय किया था। पति -पत्नी दोनों पेशे से डाॅक्टर है। जानकारी के अनुसार डाॅ.  स्वप्निल परिवर्ति नाम का विवाह 12 नवंबर 2018 को डाॅ. प्रीति परिवर्तित नाम से हुआ था। डाॅ. प्रीति जलंधर की रहने वाली है।

शादी के बाद डाॅ. स्वप्निल की मां व मौसी प्रीति को परेशान और प्रताड़ित करने लगी। इसके चलते प्रति को वर्ष 2019 में घर छोड़कर अपनी मांग के पास जाना पड़ा। उसके जाने के बाद डाॅ. स्वप्निल ने कुटुंब न्यायालय में एक आवेदन पेश किया। उसकी ओर से तर्क दिया गया कि प्रीति को दांपत्य जीवन का सुख देना चाहता हूं, उससे अपने साथ रखने के लिए तैयार हूं।

स्वप्निल के इस आवेदन का प्रीति ने विरोध किया है। प्रीति के अधिवक्ता सत्येंद्र सिकरवार व अधिक्ता अनुज गुप्ता ने विरोध करते हुए कहा कि साथ रखने का सिर्फ नाटक कर रहा है। वह पत्नी को साथ में इंग्लैंड नहीं ले जा रहा है। उसे ग्वालियर में रहने की कह रहा है।

इतनी बार बुलाने के बाद कोर्ट में नहीं आ रहा है। प्रीति को जलंधर से आने में परेशानी हो रही है। इस आवेदन को खारिज किया जाए। सुनवाई के दौरान स्वप्निल की मां कोर्ट में उपस्थित रही। इंग्लैंड में न्यायाधीश ने फोन भी लगाए, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। कोर्ट ने मां को निर्देश दिए हैं कि उसे कोर्ट में उपस्थित कराएं।
 


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