इलाहाबाद हाईकोर्ट ने UPSSSC से मांगा वन रक्षक भर्ती में रिक्त पदों का ब्योरा, जानें पूरा मामला

टीम भारतदीप |

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) से वन विभाग की वन रक्षक भर्ती 2018 के रिक्त पदों का ब्योरा तलब किया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) से वन विभाग की वन रक्षक भर्ती 2018 के रिक्त पदों का ब्योरा तलब किया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) से वन विभाग की वन रक्षक भर्ती 2018 के रिक्त पदों का ब्योरा तलब किया है।

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) से वन विभाग की वन रक्षक भर्ती 2018 के रिक्त पदों का ब्योरा तलब किया है।

न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने UPSSSC को ये आदेश ​याचिकाओं की ओर से खाली सीट होने के बावजूद भी लोगो को नौकरी न मिल पाने की अपील पर दिया है। याचिकाओं की ओर से खाली पदों पर मेरिट लिस्ट के नीचे रह गए अभ्य​र्थियों को नौकरी दिए जाने की मांग की गई है।

बता दें कि अधिवक्ता सीमांत सिंह ने विश्वजीत सिंह चौहान व अन्य की याचिका पर कोर्ट के समक्ष अपनी दलील रखी। मिली जानकारी के अनुसार अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि वर्ष 2018 में UPSSSC ने 620 पदों पर वन रक्षकों की नियुक्ति का विज्ञापन जारी किया था।

उनका कहना था कि याचियों ने लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और शारीरिक दक्षता परीक्षा आदि सभी चरणों में सफलता प्राप्त की लेकिन इसके बावजूद उनका नाम अंतिम चयन सूची में नहीं आया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आरटीआई से जानकारी करने के बाद पता चला कि सामान्य वर्ग की ‌कट ऑफ मेरिट 132 अंक थी।

उनका कहना है कि ये याची ठीक इसके नीचे है। वहीं उन्होंने बताया कि आरटीआई के जरिए ये भी जानकारी मिली कि कई सफल अभ्यर्थियों ने नौकरी जॉइन ही नहीं किया है। जिसकी वजह से अभी भी करीब 25 पद खाली है।

ऐसे में वकील सीमांत सिंह ने दलील रखी कि जब याचियों का नाम कट ऑफ मेरिट से ठीक नीचे है और वे सभी चरणों की परीक्षा में सफल भी रहे है तो उन्हें नौकरी में शामिल क्यों नही किया जा रहा है। उनका कहना है कि याचियों का नाम कट ऑफ मेरिट लिस्ट से ठीक नीचे है इसलिए रिक्त पदों पर उन्हें नियुक्ति दी जाए। कोर्ट ने उनकी दलील सुनने के बाद UPSSSC के खाली पदों का ब्योरा मांगा है।


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