क्या कर्मचारी की पत्नी के अकाउंट की डिटेल भी मांग सकता है बैंक, जानिए जवाब

टीम भारत दीप |

यह प्रश्न महिला कर्मचारी के पति पर भी समान रूप से लागू होता है।
यह प्रश्न महिला कर्मचारी के पति पर भी समान रूप से लागू होता है।

आदर्श नगर कोटा राजस्थान के रहने वाले एक सज्जन ने आरटीआई के जरिए बैंक आॅफ बड़ौदा से कुछ सवाल पूछे थे। इनमें पहला ये कि क्या बैंक अपने ग्राहक के अकाउंट की डिटेल मांग सकता है या उसकी आय के बारे में जानकारी कर सकता है?

बैंकिंग डेस्क। वित्तीय लेनदेन को लेकर लोग अक्सर सतर्क रहा करते हैं। खासकर वे सरकारी कर्मी जिनका इनकम टैक्स से पाला पड़ता रहता है। ऐसे लोग अपने सैलरी अकाउंट में सैलरी के अलावा कोई भी पैसा क्रेडिट कराने से बचते हैं। 

ऐसे में वे अपनी पत्नी, परिचित, मित्र या बच्चों के अकाउंट में लेनदेन को सेफ समझते हैं। लेकिन जरूरत पड़ने पर क्या बैंक आपकी पत्नी या सगे संबंधियों की डिटेल भी मांग सकता है। यह सवाल एक आरटीआई के जरिए पूछे जाने के बाद से चर्चा में है। 

हमारे कई पाठक चिंता में होंगे, ऐसे में इस आरटीआई का निचोड़ इस प्रकार है। दरअसल, आदर्श नगर कोटा राजस्थान के रहने वाले एक सज्जन ने आरटीआई के जरिए बैंक आॅफ बड़ौदा से कुछ सवाल पूछे थे। इनमें पहला ये कि क्या बैंक अपने ग्राहक के अकाउंट की डिटेल मांग सकता है या उसकी आय के बारे में जानकारी कर सकता है?

बैंक की ओर से इसका जवाब हां दिया गया। यानी बैंक अपने यहां आने वाले सभी ग्राहकों से ये दोनों जानकारी ले सकता है लेकिन इसमें यह भी कहा गया है कि ये इस बात पर निर्भर करता है कि ग्राहक बैंक में किस उद्देश्य से आया है। 

यानी अगर आप बैंक से लोन मांगने जाएंगे तो जरूरी है कि बैंक आपसे आपकी इनकम और अकाउंट डिटेल के बारे में पूछेगा ही। ऐसे ही ये बात ग्राहक की ओर से मांगी गई सर्विस पर डिपेंड करती है। 

अब अगले प्रश्न में वह जरूरी बात जिसके लिए आप यह पूरी खबर पढ़ते आ रहे हैं। याचिकाकर्ता ने अपने तीसरे प्रश्न में बैंक से पूछा कि क्या बैंक अपने स्टाफ के किसी सदस्य की पत्नी के अकाउंट की डिटेल भी मांग सकता है यदि वह अकाउंट पति-पत्नी दोनों के द्वारा ज्वाइंटली आॅपरेट नहीं किया जा रहा हो तो? 

यह प्रश्न महिला कर्मचारी के पति पर भी समान रूप से लागू होता है। यह बात हम अपनी समझ के अनुसार कह रहे हैं, हालांकि आरटीआई में इसका जिक्र नहीं है।

इस प्रश्न का जवाब हां होने की स्थिति में भाई ने बैंक के संबंधित नियम कायदे वाले कागज भी मांग लिए हैं। लेकिन, बैंक ने प्रोफेशनल तरीके से इसका जवाब कुछ यूं दिया है कि याची के द्वारा पूछा गया प्रश्न और चाही गई सूचना स्पष्ट नहीं है। ऐसे में बैंक यह जानकारी देने में अक्षम है। 

ऐसा सूचना का अधिकार कानून 2005 (यथा संशोधित) प्रावधान भी करता है कि यदि प्रश्न स्पष्ट नहीं है तो जरूरी नहीं है कि जानकारी दी ही जाए।   


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