'वर्क फ्रॉम होम' के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा ने कर ली पूरी तैयारी, सीईओ ने गिनाए फायदे

टीम भारत दीप |
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बैंक ऑफ बड़ौदा ने 1.061 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने 1.061 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया।

बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने कर्मचारियों के एक वर्ग के लिए घर से काम करने की नीति यानी वर्क फ्रॉम होम को लागू करने की पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए बैंक ने एक कंसल्टेंसी फर्म मैकिन्से एंड कंपनी को भी हायर किया है।

बैंकिंग डेस्क। सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंकों में से एक बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने कर्मचारियों के ये वर्क फ्रॉम होम को लागू करने की पूरी तैयारी कर ली है। इसे कोरोना संकट के बाद उभरी परिस्थितियों में बैंक के नवोन्मेष के रूप में देखा जा रहा है। बैंक बाकायदा इस पॉलिसी को लागू करने के लिए एक कंसल्टेंसी फर्म मैकिन्से एंड कंपनी को भी हायर किया है।

 बता दें कोरोना संकट के बाद दुनिया भर की प्राइवेट कंपनियां जहां वर्क फ्रॉम होम कल्चर को अपना नहीं हैं, वहीं भारत में बैंक ऑफ बड़ौदा सार्वजनिक क्षेत्र की पहली ऐसी कंपनी है जो वर्क फ्रॉम को नियमित रूप में लागू करने जा रही है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए बयान में बैंक के एमडी & सीईओ संजीव चड्ढा ने बताया कि वर्क फ्रॉम होम जरिए हमारी रणनीति एम्प्लोयी को काम करने के विभिन्न माहौल देने की है। साथ ही इसके जरिये हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक नए टैलेंट को अपने साथ जोड़ सकें। 

चड्ढा का कहना है कि बीते वर्षों में ब्रांच तक आने वाले ग्राहकों की संख्या में कमी आयी है। आने वाले समय में बैंक ब्रांच से ज्यादा टच पॉइंट और आउटलेट पर अधिक फोकस करेगा जिनकी संख्या करीब 25000 है। 

बीओबी के सीईओ बैंक के वित्तीय परिणामों की जानकारी के दौरान यह बात कह रहे। बता दें बीते तिमाही दिसंबर 2020 में बैंक ऑफ बड़ौदा ने 1061 करोड़ का मुनाफा दर्ज दिया है जो कि बीते साल इसी तिमाही में 1047 करोड़ के घाटे से कहीं ज्यादा है। 

संजीव चड्ढा का कहना है कि हम ऐसे बहुत लाइट फुटप्रिंट की आवश्यकता है जिनसे हम अपने ब्रांचों को रिडिजाइन कर सकें। आने वाले समय में ग्राहक ब्रांच को जिस रूप में देखेंगे वह वर्तमान से बिल्कुल अलग होगा।


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