मोदी सरकार का बड़ा फैसला, अब घर पर भी लगेगी कोरोना वैक्सीन

टीम भारत दीप |

इसके लिए एडवाइजरी जारी की गई है।
इसके लिए एडवाइजरी जारी की गई है।

केन्द्र सरकार ने डोर-टु-डोर वैक्सीनेशन के लिए गाइडलाइंस भी जारी कर दी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम उन लोगों के लिए घर पर टीकाकरण शुरू कर रहे हैं जो सेंटर पर जाने में सक्षम नहीं हैं।

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने कोरोना वैक्सीनेशन की नई गाइडलान जारी करते हुए बड़ा निर्णय लिया है। इसके तहत अब घर पर भी वैक्सीन लगाई जाएगी। दरअसल देश में कोरोना के नए मामलों में लगातार गिरावट आ रही है। बीते 24 घंटे में देश में लगभग 31 हजार लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक  जिस रफ़्तार से मरीजों में कमी होनी चाहिए उस रफ़्तार से नहीं हो रही है।

इसका मतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है। वहीं नए मामलों में ज्यादातर केरल और महाराष्ट्र में मिल रहे हैं। इस बीच केन्द्र सरकार ने डोर-टु-डोर वैक्सीनेशन के लिए गाइडलाइंस भी जारी कर दी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि हम उन लोगों के लिए घर पर टीकाकरण शुरू कर रहे हैं जो सेंटर पर जाने में सक्षम नहीं हैं। इसके लिए एडवाइजरी जारी की गई है। इस दरम्यान भी सभी नियमों का पालन किया जाएगा। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के मुताबिक लगातार 12वें हफ्ते वीकली पॉजिटिविटी रेट में कमी आई है। यह 3% से भी कम है। देश में रिकवरी रेट 97.8% हो गया है।

उनके मुताबिक कुछ राज्यों में वैक्सीनेशन पर जबरदस्त काम हुआ है। इस कारण से 18+ आबादी के 66% हिस्से को कोरोना का कम से कम एक डोज लग चुका है। 23% को दोनों डोज लग गए हैं। बताया गया कि 6 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी 100% आबादी को पहला डोज लगा दिया है। इनमें लक्षद्वीप, चंडीगढ़, गोवा, हिमाचल प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और सिक्किम शामिल हैं।

4 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में 90 फीसदी से अधिक आबादी को पहला डोज लगाया गया है। इनमें दादरा और नगर हवेली, केरल, लद्दाख और उत्तराखंड शामिल हैं। राजेश भूषण के मुताबिक एक्टिव केसों की संख्या में कमी आई है। इस वक्त देश में तीन लाख एक्टिव केस हैं। इनमें 1 लाख से अधिक केरल में और 40 हजार से ज्यादा महाराष्ट्र में हैं।
 


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