ग्राहकों के लिए बड़ी खबर, संकट में फंसे बैंकों के जमाकर्ता 30 नवंबर से निकाल सकेंगे 5 लाख

टीम भारत दीप |

यह राशि जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम उपलब्ध कराएगा।
यह राशि जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम उपलब्ध कराएगा।

इस कानून के तहत उन 23 सहकारी बैंक के जमाकर्ता भी आएंगे, जो वित्तीय दबाव में हैं और जिन पर रिजर्व बैंक ने कुछ पाबंदियां लगायी हुई है। डीआईसीजीसी आरबीआई की पूर्ण अनुषंगी है। यह बैंक जमा के लिये बीमा उपलब्ध कराता है। वर्तमान में जमाकर्ताओं को वित्तीय रूप से दबाव वाले बैंकों से अपनी बीमा राशि और अन्य दावा प्राप्त करने में 8 से 10 साल लग जाते हैं।

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) कानून को अधिसूचित कर दिया है। इससे पंजाब एंड महाराष्ट्र को-आपरेटिव (पीएमसी) बैंक जैसे दबाव वाले बैंकों के ग्राहकों को 30 नवंबर से 5 लाख रुपये तक की जमा मिलने की गारंटी मिल जाएगी।

आपकों बता दें कि संसद ने जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक, 2021 इस महीने की शुरूआत में पारित कर दिया था। इसके जरिये यह सुनिश्चित किया गया है कि आरबीआई द्वारा किसी बैंक के कामकाज पर रोक लगाए ये जाने के 90 दिन के भीतर बैंक के जमाधारकों को 5 लाख रुपये तक की जमा रकम मिल जाए। यह राशि जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम उपलब्ध कराएगा।

अगस्त माह की 27 तारीख को राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार सरकार ने कानून के प्रावधान अमल में आने की तारीख एक सितंबर, 2021 अधिसूचित की है। इसमें कहा गया है

 ‘जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (संशोधन) कानून, 2021 की धारा 1 की उपधारा (दो) के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार कानून के सभी प्रावधानों के अमल में आने की तारीख एक सितंबर, 2021 तय करती है।’ यानी इसके हिसाब से जमाकर्ताओं के लिए कोष प्राप्त करने की 90 दिन की अवधि 30 नवंबर, 2021 है।

इस कानून के तहत उन 23 सहकारी बैंक के जमाकर्ता भी आएंगे, जो वित्तीय दबाव में हैं और जिन पर रिजर्व बैंक ने कुछ पाबंदियां लगायी हुई है। डीआईसीजीसी आरबीआई की पूर्ण अनुषंगी है। यह बैंक जमा के लिये बीमा उपलब्ध कराता है।

वर्तमान में जमाकर्ताओं को वित्तीय रूप से दबाव वाले बैंकों से अपनी बीमा राशि और अन्य दावा प्राप्त करने में 8 से 10 साल लग जाते हैं। सरकार द्वारा लाए गए इस बिल बैंक उपभोक्ताओं ने राहत की सांस ली, खासकर वह बैंक उपभोक्ता जिनकी बैंकों के लेनदेने पर आरबीआई ने रोक लगा रखी है। 

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