प्रयागराज कोर्ट में चार्जशीट दाखिल, सीबीआई का दावा, महंत नरेंद्र गिरि की नहीं हुई थी हत्या

टीम भारत दीप |

आनंद गिरि समेत तीनों आरोपितों के विरुद्ध सीबीआई को अहम साक्ष्य मिले हैं,।
आनंद गिरि समेत तीनों आरोपितों के विरुद्ध सीबीआई को अहम साक्ष्य मिले हैं,।

महंत नरेंद्र गिरि की म़ृत्यु के बाद सीबीआई की दिल्ली टीम पिछले दो माह से पूरे मामले की जांच कर रही थी। इस दौरान महंत की हत्या के बिंदु पर कोई साक्ष्य नहीं मिल सका। आत्महत्या से पूर्व महंत की ओर से बनाया गया वीडियो और उनके सुसाइड नोट को खुदकशी का सबसे बड़ा आधार बनाया गया है।

लखनऊ। सीबीआई ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में शनिवार को प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी।

जांच एजेंसी ने महंत के परम शिष्य रहे आनंद गिरि, लेटे हनुमान मंदिर के पूर्व पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप को आत्महत्या के लिए उकसाने व षडयंत्र की धारा में आरोप पत्र दाखिल किया।

कोर्ट में दाखिल किए गए 19 पेज के आरोप पत्र में सीबीआइ ने दावा किया है कि आरोप पत्र में जांच एजेंसी ने कहा है कि महंत नरेंद्र गिरि की हत्या नहीं हुई थी। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआइ की जांच में यह साफ हो चुका है।

मालूम हो कि महंत नरेंद्र गिरि की म़ृत्यु के बाद सीबीआई की दिल्ली टीम पिछले दो माह से पूरे मामले की जांच कर रही थी।  इस दौरान महंत की हत्या के बिंदु पर कोई साक्ष्य नहीं मिल सका। आत्महत्या से पूर्व महंत की ओर से बनाया गया वीडियो और उनके सुसाइड नोट को खुदकशी का सबसे बड़ा आधार बनाया गया है।

सूत्रों का कहना है कि जांच के दौरान मठ, मंदिर और महंत से जुड़े तमाम लोगों के बयान दर्ज किए गए थे। इस दौरान उन्होंने महंत की किसी भी शख्स से दुश्मनी होने की जानकारी नहीं दी। शुरुआती जांच, पूछताछ में आत्महत्या से संबंधित साक्ष्य ही मिले।

यह है पूरा मामला 

आपकों बता दें कि 20 सितंबर को श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के प्रतीक्षा कक्ष में महंत की संदिग्ध दशा में मृत्यु हुई थी। इस घटना के बाद संतो ने महंत की हत्या किए जाने की आशंका जताई थी। इसके साथ ही कमरे में चलता पंखा, रस्सी के तीन टुकड़े के मिलने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होना भी हत्या के बिंदु पर बल दे रहा था।

मुख्य आरोपित आनंद गिरि ने भी एक साजिश के तहत महंत की हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि बड़ी जांच एजेंसी इसका पर्दाफाश करेगी। ऐसे और भी कई वजह रहीं, जिनके दृष्टिगत मामले की जांच सीबीआइ को ट्रांसफर की गई थी। सूत्रों के अनुसार, अभियुक्त आनंद गिरि समेत तीनों आरोपितों के विरुद्ध सीबीआई को अहम साक्ष्य मिले हैं, जिसे वह कोर्ट में साबित करेगी।

25 नवंबर को सेशन कोर्ट में सुपुर्द करें पत्रावली 

महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपित आनंद गिरि समेत तीनों आरोपितों के विरुद्ध आरोप पत्र पेश होने के बाद कोर्ट ने आदेश दिया है कि पत्रावली को सेशन कोर्ट में सुपुर्द करें। इसके लिए 25 नवंबर की तिथि तय की गई है।

इससे पहले वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए आनंद गिरि ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से अनुरोध किया कि हमारी ओर से उपस्थित अधिवक्ताओं से बात करा दीजिए और मिलने की अनुमति दे दीजिए। ऐसी बहुत सी बाते हैं, जिनको अदालत के समक्ष रखना जरूरी है और वह हमें बेगुनाह करने में मददगार होंगी। उन्होंने अपने अधिवक्ता से जेल में मिलने की बात कही।

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