सावधान! ऑनलाइन पढ़ाई कर रहा आपका बच्चा हो सकता है देख रहा हो पाॅर्न, ऐसे 33 हजार केस

टीम भारत दीप |
अपडेट हुआ है:

पढ़ाई के लिए बच्चों को अकेले भी छोड़ना पड़ता ही है।
पढ़ाई के लिए बच्चों को अकेले भी छोड़ना पड़ता ही है।

कई बच्चे अपने पापा के मोबाइल पर आए पाॅर्न वीडियो और मैसेज देखते मिले। जोधपुर में मनोचिकित्सकों के पास अब माता-पिता अपने बच्चों को इस लत से छुड़ाने के लिए पहुंच रहे हैं।

सोशलमीडिया डेस्क। कोरोना महामारी के चलते आॅनलाइन पढ़ाई ही बच्चों के लिए सुरक्षित रहकर पढ़ने का एक जरिया रह गई है। इसकी के चलते माता-पिता को अपना मोबाइल-लैपटाॅप और कम्प्यूटर आदि इंटरनेट की सुविधा के साथ बच्चों को लंबे समय के लिए देना होता है। अब देर तक माता-पिता साथ भी नहीं रह सकते। दूसरा पढ़ाई के लिए बच्चों को अकेले भी छोड़ना पड़ता ही है। 

ऐसे में बीते दिनों चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर चैंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। दैनिक भास्कर जोधपुर के कमल वैष्णव ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि बीते 5 महीने में देशभर में 33 हजार चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े कंटेंट सोशल मीडिया पर अपलोड हुए हैं। 

अमेरिका ने भी भारत के नेशनल क्राइम रिकाॅर्ड ब्यूरो को ऐसी ही एक रिर्पाेर्ट सौंपी है। कई बार तो बच्चे पाॅर्न के चक्कर में ऐसा फंसे कि उन्होंने अपने पापा के क्रेडिट कार्ड से पाॅर्न वेबसाइट पर मेंबरशिप के पेमेंट कर दिए। कई बच्चे अपने पापा के मोबाइल पर आए पाॅर्न वीडियो और मैसेज देखते मिले। जोधपुर में मनोचिकित्सकों के पास अब माता-पिता अपने बच्चों को इस लत से छुड़ाने के लिए पहुंच रहे हैं। 

माता-पिता जिम्मेदार
जोधपुर की मनोचिकित्सक डाॅ. श्वेता पारीक कहती हैं कि बच्चों की इस हालत के लिए पैरेंट्स भी जिम्मेदार हैं। अक्सर वे बच्चों की गतिविधियों को नजरअंदाज कर देते हैं या उनका बच्चा क्या कर रहा है, इस पर गौर ही नहीं करते। 

बच्चे अक्सर पाॅप-अप कंटेंट यानी अचानक आने वाले मैसेज से पाॅर्न मैटीरियल की तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं। ऐसे में माता-पिता के लिए जरूरी है कि वे खुद भी ऐसे कंटेंट से बचें और अपने मोबाइल-लैपटाॅप को कंट्रोल करें। 

ऐसे-ऐसे मामले
कमल वैष्णव अपनी रिपोर्ट में लिखते हैं कि जोधपुर में पाल रोड स्थित स्कूल का एक बच्चा आॅनलाइन क्लास में डिस्टर्ब न करने की बात कहकर बंद कमरे में आॅनलाइन पढ़ाई करता था। एक दिन उसके टीचर ने माता-पिता को फोन किया कि बच्चा क्लास क्यों नहीं अटेंड कर रहा है। इसके बाद बैंक अधिकारी माता-पिता ने लैपटाॅप खंगाला तो उसमें पाॅर्न साइट देखने की जानकारी हुई। 

एक दूसरे मामले में कुड़ी हाउसिंग बोर्ड के स्कूल में पढ़ने वाली एक बच्ची बंद कमरे में लैपटाॅप से आॅनलाइन क्लास अटेंड करती थी। उसके बिजनेसमैन पिता के क्रेडिट कार्ड से पाॅर्नसाइट पर मेंबरशिप के लिए पेमेंट का मैसेज आया। मां ने जब सख्ती से पूछताछ की तो बच्ची ने सारी बात बताई। 

एक अन्य मामले में शिकारगढ़ का एक बच्चा अपने पिता के मोबाइल से आॅनलाइन क्लास अटेंड करता था। उसकी मां बिजनेस में व्यस्त रहतीं और पिता डाॅक्टरी के पेशे में। वह अपने पिता के व्हाट्सएप पर आने वाले पाॅर्न वीडियो देखने लगा। पिता को पता चला तो सकते में आ गए। 

ऐसे रखें बच्चों पर नजर
1- मोबाइल-लैपटाॅप और कंप्यूटर की हिस्ट्रीशीट तो डिलीट नहीं हो रही।
2- बच्चा एकांत पसंद तो नहीं कर रहा। 
3- उसके स्वभाव और भाषा में परिवर्तन तो नहीं आ रहा।
4- बंद कमरे में पढ़ाई करने का जोर तो नहीं दे रहा। 
5- अपने लुक्स और पहनावे को लेकर सजग है। 
6- बाथरूम में अधिक समय दे रहा है।
7- आपसे बातचीत में वयस्कता से जुड़े किस्से तो नहीं कह रहा। 
8- चिड़चिड़ा या गुस्सैल तो नहीं हो रहा और सोने का टाइम बदल तो नहीं रहा। 

गैजेट्स पर ऐसे करें कंट्ोल
साइबर एक्सपर्ट दीपक शर्मा बताते हैं पैरेंट्स को चाहिए कि वह अपने मोबाइल-लैपटाॅप में पाॅप-अप ब्लाॅक करें। खुद भी पाॅर्नोग्राफिक कंटेंट से बचें क्योंकि आजकल आपकी हिस्ट्री के आधार पर ही कंटेंट आपको दिखाई देता है। बच्चों के लिए यूट्यूब किड्स को डाउनलोड करें। समय-समय पर हिस्ट्री चेक करते रहें। 


संबंधित खबरें