बहुचर्चित स्मारक घोटाले में दाखिल आरोप पत्र को खारिज करने से कोर्ट का इनकार

टीम भारत दीप |
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मालूम हो कि मायावी सरकार ने दलित महापुरुषों को समर्पित स्मारक का निर्माण कराया था।
मालूम हो कि मायावी सरकार ने दलित महापुरुषों को समर्पित स्मारक का निर्माण कराया था।

राज्य सरकार के अपर शासकीय अधिवक्ता राव नरेंद्र सिंह ने बताया कि मामला 42 अरब रुपये घोटाले का है। तत्कालीन मंत्रियों का भी नाम इसमें आ चुका है। वहीं याचिका में तर्क दिया गया कि याचियों के खिलाफ मिले अभियोजन स्वीकृति को ट्रायल के समय चुनौती देने की छूट देते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया जाए।

लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने यूपी में मायावती सरकार के कार्यकाल के  दौरान वर्ष 2007 से वर्ष 2011 के बीच लखनऊ व नोएडा में हुए बहुचर्चित स्मारक घोटाले में दाखिल आरोपपत्र को खारिज करने से इनकार कर दिया है।

कोर्ट ने शुक्रवार को इस संबंध में दाखिल याचिका को खारिज दिया। हालांकि अदालत ने याचियों को अभियोजन स्वीकृति के आदेश को विचारण के दौरान चुनौती देने की अनुमति दे दी है। यह आदेश जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने अजय कुमार व एक अन्य की याचिका पर दिया।


मालूम हो कि याचियों ने अपने खिलाफ दाखिल आरोपपत्र को खारिज करने की मांग की थी। याचियों ने एमपी-एमएलए कोर्ट, लखनऊ द्वारा आरोपपत्र पर संज्ञान लिए जाने के आदेश को भी निरस्त करने की प्रार्थना की थी।

राज्य सरकार के अपर शासकीय अधिवक्ता राव नरेंद्र सिंह ने बताया कि मामला 42 अरब रुपये घोटाले का है। तत्कालीन मंत्रियों का भी नाम इसमें आ चुका है। वहीं याचिका में तर्क दिया गया कि याचियों के खिलाफ मिले अभियोजन स्वीकृति को ट्रायल के समय चुनौती देने की छूट देते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया जाए। इस पर अदालत ने उक्त छूट देते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया।

मालूम हो कि मायावती सरकार द्वारा  वर्ष 2007 से वर्ष 2011 के मध्य लखनऊ और नोएडा में स्मारक निर्माण में पत्थरों की खरीद व निर्माण में की गई अनियमितता व भ्रष्टाचार के संबंध में गोमती नगर थाने में आइपीसी की धारा 409 120 बी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 131 डी व धारा 132 के तहत 1 जनवरी 2014 को एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

सतर्कता अधिष्ठान द्वारा की गई विवेचना के उपरांत 83 अभियुक्तों में से छह अभियुक्तों अजय कुमार तत्कालीन इकाई प्रभारी राजकीय निर्माण निगम, एसके त्यागी तत्कालीन इकाई प्रभारी राजकीय निर्माण निगम

सोहेल अहमद फारुकी तत्कालीन संयुक्त निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय, होशियार सिंह, तत्कालीन इकाई प्रभारी राजकीय निर्माण निगम, पन्ना लाल यादव कंसोर्टियम प्रमुख व अशोक सिंह कंसोर्टियम प्रमुख के विरुद्ध आरोप पत्र एमपी.एमएलए कोर्ट, लखनऊ में 15 अक्टूबर 2020 को भेजा गया था। जिस पर उसने संज्ञान लेकर अभियुक्तों को विचारण के लिए तलब कर लिया था।


 दलित महापुरुषों को समपिर्त बनवाई गई है स्मारक

मालूम हो कि मायावी सरकार ने दलित महापुरुषों को समर्पित स्मारक का निर्माण कराया था। इस निर्माण में सरकार ने बेतहाशा पैसा खर्च किया है। इसी मामले में पत्थर खरीदी -परिवहन में हुए घोटाले में मामला दर्ज हुआ था, जिसकी सुनवाई इस समय कोर्ट में चल रही है। याचिका खारिज नहीं होने से आने वाले चुनाव में बसपा नेताओं को नुकसान हो सकता है। 


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