पति ने तीन तलाक देकर, हिन्दू रिवाज से की दूसरी शादी, पहली पत्नी पहुंची कोर्ट

टीम भारत दीप |

पहली पत्नी ने भरण पोषण के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी और इंसाफ की मांग की है।
पहली पत्नी ने भरण पोषण के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी और इंसाफ की मांग की है।

भोपाल में रहने वाला एक शख्स रेलवे में नौकरी करते है। 2004 में उसने एक मुस्लिम महिला से शादी की, जिसके बाद उनके दो बेटे हैं। हालांकि, साल 2017 में उस शख्स ने तीन तलाक बोलकर अपनी पत्नी से रिश्ता तोड़ दिया। 

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी में विवाह और तलाका का एक पेंचीदा मामला सामने आया है।यहां एक मुस्लिम युवक ने अपनी पहली पत्नी को तीन तलाक देकर हिन्दू धर्म अपनाकर आर्यसमाज के मंदिर में एक हिन्दू महिला से शादी कर ली।

अब उसकी पहली पत्नी कोर्ट पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई है। जानकारी के अनुसार करीब तीन साल पहले एक शख्स ने अपनी पत्नी को तीन तलाक दे दिया। इसके बाद उसने हिंदू धर्म अपना लिया और दूसरी शादी कर ली। अब आरोपी की पहली पत्नी ने अदालत से इंसाफ मांगा है और उसके लिए तीन तलाक कानून का हवाला दिया है।

यह है पूरा मामला

भोपाल में रहने वाला एक शख्स रेलवे में नौकरी करते है। 2004 में उसने एक मुस्लिम महिला से शादी की, जिसके बाद उनके दो बेटे हैं। हालांकि, साल 2017 में उस शख्स ने तीन तलाक बोलकर अपनी पत्नी से रिश्ता तोड़ दिया। 

दूसरी शादी के लिए अपनाया हिन्दू धर्म 

युवक ने दूसरी शादी करने के लिए हिंदू धर्म अपना लिया और एक हिंदू महिला से शादी कर ली। अब दोनों साथ रह रहे हैं। इसी दौरान उसकी पहली पत्नी ने भरण पोषण के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी और इंसाफ की मांग की है।

पहली पत्नी ने मांगा भरण पोषण

भोपाल की फैमिली कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है।  प्रधान न्यायाधीश आरएन चंद इस मामले को सुन रहे है। इस बीच महिला ने काउंसलर शैल अवस्थी को बताया कि रिश्तेदारों ने उसे तीन तलाक कानून बनने की जानकारी दी। साथ ही, बताया कि इसके तहत तीन तलाक एक साथ कहने पर वह मान्य नहीं होता। ऐसे में उसने भरण पोषण भत्ते की गुहार लगाई है।

पति बोला मैंने अब धर्म बदल लिया

काउंसलर शैल अवस्थी ने आरोपी पति से बातचीत की। उसका कहना है कि उसने आर्य समाज मंदिर से कानूनी रूप से हिंदू धर्म अपना लिया। अब वह पहली पत्नी की हर जिम्मेदारी से मुक्त है, लेकिन वह मामले को उलझा रही है।

महिला ने उसके ऑफिस में भी दावा पेश कर दिया, जिससे उसका वेतन रुक गया है। इसके अलावा आरोपी की दूसरी पत्नी ने काउंसलर को बताया कि उसके पति ने धर्म परिवर्तन के बाद उससे शादी की। उसने नियमानुसार पहली पत्नी को तलाक दिया। इस हिसाब से मैं वैधानिक पत्नी हूं। ऐसे में उस महिला का कोई हक नहीं बनता कि वह उसके पति के साथ रहे।
 


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