गोंडा में एक ही परिवार के पांच बच्चों के डूबकर मरने से गम में डूबा पूरा गांव

टीम भारत दीप |

डीएम गोंडा मारकंडेय शाही ने मौके पर पहुंच घटना की जानकारी ली।
डीएम गोंडा मारकंडेय शाही ने मौके पर पहुंच घटना की जानकारी ली।

पैर फिसलने से तालाब में डूबते एक बच्चे को देखकर अन्य बच्चे भी उसे बचाने में तालाब में उतरते गए। जिससे एक एक कर सभी डूब गए। तालाब में डूब रहे बच्चों को देख तालाब किनारे खेल रहे अन्य बच्चे इसकी जानकारी गांव वालों को दी। मौके पर पहुंचे एक व्यक्ति ने बच्चों को बचाने का प्रयास किया, पर कामयाब नहीं हो पाया।

गोंडा। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में गुरुवार को एक बड़ा हादसा हुआ। इस हादसे में एक परिवार के पांच बच्चों की तालाब में डूबने से मौत हो गई। इस हादसे की वजह से पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। मृतक बच्चों के घर के बाहर ढांढस बधाने वालों की भीड़ लगी हुई है।  

लाख समझाइश के बाद भी सुनी हुई गोद के कारण माताओं का रूदन कम नहीं हो रहा है। दरअसल गुरुवार सुबह पांच बच्चे घर से कुछ दूर स्थित तालाब से मिट्टी​ निकालने गए थे, इसी दौरान एक बच्चे का पैर फिसला वह गहरे में पानी में चला गया।

इसके बाद एक -एक कर बच्चे उसे बचाने के लिए पानी में उतरते गए और मौत के मुह में समाते गए। इस दर्दनाक हादसे की जानकारी लगते ही डीएम गोंडा मारकंडेय शाही ने मौके पर पहुंच घटना की जानकारी ली, और परिवार को सांतवना दी। 

एक के बाद एक समाते गए पानी में

गोंडा के रहने वाले अरविंद कुमार पांडेय का पुत्र आठ वर्षीय चंचल उर्फ आदित्य, छह वर्षीय शिवाकांत पांडेय, अरविंद के भाई विरेंद्र की 12 वर्षीय पुत्री मुस्कान व चचेरे भाई सुरेंद्र पांडेय की दो पुत्रियां आठ वर्षीय रागिनी व 10 वर्षीय प्रकाशिनी घर से करीब 400 मीटर दूर स्थित तालाब से मिट्टी निकालने गईं थी। इसी बीच किसी एक बच्चे का पैर फिसल गया और वह तालाब में डूबने लगा।

कोई बच्चा जिंदा नहीं निकला

पैर फिसलने से तालाब में डूबते एक बच्चे को देखकर अन्य बच्चे भी उसे बचाने में तालाब में उतरते गए। जिससे एक एक कर सभी डूब गए। तालाब में डूब रहे बच्चों को देख तालाब किनारे खेल रहे अन्य बच्चे इसकी जानकारी गांव वालों को दी।

मौके पर पहुंचे एक व्यक्ति ने तत्काल तालाब में कूदकर बच्चों को बचाने का प्रयास किया, पर कामयाब नहीं हो पाया। तालाब में बच्चों की खोज शुरू की गई। जब तक बच्चों को तालाब से निकाला जाता उनकी मौत हो गई थी। बाद में मौके पर पहुंची पुलिस शव को कब्जे में ले लिया। परिवार के लोगों ने बच्चों के शवों का पीएम कराने से इंकार कर दिया। बाद में पुलिस ने पंचायत नामा बना कर शव परिवार वालों को सौंप दिया।

6 से 12 साल के थे बच्चे 

इस हादसों में मरने वाले सभी बच्चों की उम्र 6 से 12 वर्ष के बीच में है। ऐसे में कोई भी बच्चा इतना समझदार नहीं था कि वह किसी और को मदद के लिए बुलाए। उस समय उनके दिल में जो आया वह एक -दूसरे को बचाने के लिए करते गए।

मरने वालों में आदित्य उर्फ चंचल (8) पुत्र अरविंद कुमार पांडेय, शिवाकांत (6) पुत्र अरविंद कुमार, रागिनी (8) पुत्री सुरेन्द्र कुमार, प्रकाशिनी (10) पुत्री सुरेन्द्र कुमार तथा मुस्कान (12) पुत्री वीरेंद्र कुमार की मौत हुई है। अरविंद, सुरेन्द्र व वीरेन्द्र तीनों सगे भाई हैं। मरने वालों में तीन बेटियां व दो बेटे हैं। इस हादसे से परिवार व गांव में कोहराम मच गया है।

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