कानपुर में संक्रमित महिला की मौत के बाद भी हेल्थ बुलेटिन भेजते रहे

टीम भारत दीप |

परिवार ने अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
परिवार ने अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।

मृतका की बहू का कहना है कि यह तो लापरवाही है। दूसरे मैसेज के बाद हम लोगों ने जवाब दिया है कि अब वह नहीं हैं, सवाल उठाया अगर इस तरह से काम कर रहे हैं तो मरीज का इलाज किस तरह कर रहे होंगे। उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीजों का ख्याल लगता है ठीक ढंग से नहीं रखा जा रहा है।

कानपुर। आपकों कैसा लगेगा जब आपकी मां की मौत के बाद कोई फोन पर यह संदेश लगातार देता रहे कि आपकी मां का स्वास्थ्य पहले से बेहतर हैं, वह तेजी से ठीक हो रही है। जायज हर किसी को बुरा लगेगा। कुछ ऐसा ही वाक्या यूपी के कानपुर से सामने आया है।

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यहां एम 73 वर्षीय महिला की कोरोना संक्रमण से मौत के दो दिन बाद तक अस्पताल वाले उसके स्वस्थ्य होने का संदेश भेजते रहे। इस वाक्ये से सहज ही अंदाजा लगाया जा रहा है कि यू​पी में स्वास्थ्य सेवाएं कैसी है। परिवार के लोगों को कहना है कि जब इलाज की जरूरत थी तो लापरवाही बरती गई, अब बता रहे कि वह तेजी से ठीक हो रही है। परिवार ने अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।

मालूम हो कि 73 वर्षीय प्रियदर्शनी शुक्ला कोरोना संक्रमित थीं, इसके चलते 13 मई को है उन्हें हैलट के मैटेरनिटी अस्पताल में बने कोरोना अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उनके पति भी कोरोना से संक्रमित थे। कोरोना पॉजिटिव प्रियदर्शनी की पिछले दिनों मौत हो गई।

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उनका अंतिम संस्कार ही हो गया। मंगलवार को उनकी बहू प्राची शुक्ला के मोबाइल पर दो-दो बार मैसेज आया, पहली बार मैसेज आया, जिसमें यह बताया गया कि उनकी पेशेंट की हालत ठीक नहीं है, ऑक्सीजन लेवल 92 है, इसके बाद दोबारा फिर यही मैसेज शाम को रिपीट किया गया। 

मृतका की बहू का कहना है कि यह तो लापरवाही है। दूसरे मैसेज के बाद हम लोगों ने जवाब दिया है कि अब वह नहीं हैं, सवाल उठाया अगर इस तरह से काम कर रहे हैं तो मरीज का इलाज किस तरह कर रहे होंगे। उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीजों का ख्याल लगता है

ठीक ढंग से नहीं रखा जा रहा है। परिवार वालों का कहना है कि जब इलाज की जरूरत थी तब लापरवाही बरती गई लेकिन मौत के बाद मैसेज किया जा रहा है। वहीं इस तरह की लापरवाही सामने आने के बाद सीएमओ कंट्रोल रूम के कार्य को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।


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