7800 करोड़ के बैंक घोटाले के आरोपी उदय देसाई को इस तरह मिली सुप्रीम कोर्ट से जमानत

टीम भारत दीप |

कारोबारी उदय ने याचिका में अपनी वृद्धावस्था और गंभीर बीमारी से ग्रसित होने का तर्क रखा था।
कारोबारी उदय ने याचिका में अपनी वृद्धावस्था और गंभीर बीमारी से ग्रसित होने का तर्क रखा था।

सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) को उदय देसाई को अंतरिम जमानत मिलने की जानकारी हुई थी। जिला न्यायालय के अंतरिम जमानत आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की गई थी लेकिन इसके निस्तारण के पहले ही सुप्रीम कोर्ट में उदय द्वारा दाखिल याचिका का निस्तारण हो गया ।

कानपुर। कानपुर के बड़े कारोबारी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। 7800 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले के आरोपी फ्रॉस्ट इंटरनेशनल के निदेशक व हीरा कारोबारी उदय देसाई को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है।

आपकों बता दं कि लगभग एक साल तक जेल में रहने के बाद कोरोना काल के दौरान बंदियों को मिलने वाली अंतरिम जमानत/पैरोल का सहारा लेकर उदय को भी कानपुर कोर्ट से 22 जून को दो माह की अंतरिम जमानत मिल गई थी।

समर्पण करने से पहले मिली जनमानत

कारोबारी को 22 अगस्त को कोर्ट में दोबारा समर्पण करना था, लेकिन इसके पहले ही सुप्रीम कोर्ट का आदेश आ जाने से अब दोबारा जेल नहीं जाना पड़ेगा। हाईकोर्ट से 25 मार्च को जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उदय की ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल की गई थी।

इस याचिका में दाखिल किए गए शपथपत्र से ही सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) को उदय देसाई को अंतरिम जमानत मिलने की जानकारी हुई थी।

जिला न्यायालय के अंतरिम जमानत आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की गई थी लेकिन इसके निस्तारण के पहले ही सुप्रीम कोर्ट में उदय द्वारा दाखिल याचिका का निस्तारण हो गया और सुप्रीम कोर्ट ने उदय की जमानत पर रिहाई के निर्देश जारी कर दिए।

कारोबारी उदय ने याचिका में अपनी वृद्धावस्था और गंभीर बीमारी से ग्रसित होने का तर्क रखा था। इसके साथ ही जिला न्यायालय में चलने वाली लंबी न्यायिक प्रक्रिया का भी हवाला देकर मुकदमे की सुनवाई तक जमानत पर रिहा करने की मांग की थी।

यह है मामला

कमोडिटीज एंड मर्चेंट ट्रेडिंग का व्यापार करने वाली फ्रॉस्ट इंटरनेशनल लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर तथा मोहन स्टील लिमिटेड के निदेशक व ऑडिट कमेटी के चेयरमैन रहे उदय देसाई पर कंपनी खातों में हेरफेर कर बैंकों से लगभग 7820 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है।

सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस की ओर से 15 मई 2020 को कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसमें उदय देसाई के साथ उनके बेटे सुजय देसाई भी आरोपी हैं। उदय को जमानत मिल गई है लेकिन सुजय अभी जेल में ही बंद हैं।


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