मथुरा में महिला कांस्टेबल ने लावारिश शव का किया अंतिम संस्कार

टीम भारत दीप |

महिला  द्वारा लावारिश लाश के अंतिम संस्कार की  चर्चा  हो रही है। चित्र साभार: दैनिक जागरण
महिला द्वारा लावारिश लाश के अंतिम संस्कार की चर्चा हो रही है। चित्र साभार: दैनिक जागरण

22 वर्षीय युवती का शव मिला था। उसका पोस्टर्माटम कराया और शव को निर्धारित समय तक शिनाख्त के लिए रखा गया। जब शव का शिनाख्त नहीं हुई तो 14 अप्रैल को शव के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी हैड कांस्टेबल लोकमण व कांस्टेबल शालिनी वर्मा को सौंपी गई थी।

मथुरा। हिन्दू धर्म में अक्सर महिलाओं अंतिम संस्कार से दूर रखा जाता है। यूपी पुलिस की एक महिला कांस्टेबल शालिनी वर्मा ने एक लावारिश शव के अंतिम संस्कार करके एक मिसाल पेश की है। महिला कांस्टेबल के इस जज्बे को न केवल विभाग बल्कि आम लोग भी सैल्यूट कर रहे है। 

उत्तर प्रदेश के कोसीकलां थाना क्षेत्र के शेरनगर में 11 अप्रैल को एक 22 वर्षीय युवती का शव मिला था। उसका पोस्टर्माटम कराया और शव को निर्धारित समय तक शिनाख्त के लिए रखा गया।

जब शव का शिनाख्त नहीं हुई तो 14 अप्रैल को शव के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी हैड कांस्टेबल लोकमण व कांस्टेबल शालिनी वर्मा को सौंपी गई थी। महिला के अंतिम संस्कार के लिए जब शव को बंगाली घाट पर ले जाया गया।

जहां कांस्टेबल शालिनी वर्मा ने अपने सहकर्मी हैड कांस्टेबल लोकमण से शव का अंतिम संस्कार करने की इच्छा जताई,लेकिन वहां मौजूद पुरोहित धर्म का हवाला देते हुए मना कर दिया। इसके बाद महिला कांस्टेबल शालिनी वर्मा ने रामायण एवं गीता जैसे पवित्र ग्रंथों के उदाहरणों से पुरोहित के सामने अपनी बात रखकर पुरोहित को राजी कर लिया। 

पुरोहित से बहस के दौरान कांस्टेबल शालिनी ने अपने पिता किरन पाल सिंह को फोन कर अपनी बात रखी। उनके पिता ने भी बेटी के इस प्रयास को सराहा और पुरोहित से अनुमति के लिए विनय किया।

कांस्टेबल शालिनी के शास्त्रीय उदाहरण एवं शालीनता से रुढिवादिता पर किए गए प्रहार और दृढ़ इच्छा और पिता के अपनी बेटी को सहयोग का शमशान के पुरोहित ने भी सम्मान किया और लावारिश शव के अंतिम संस्कार की कांस्टेबल शालिनी को अनुमति दी और सहयोग भी किया। जिसके बाद कांस्टेबल शालिनी वर्मा ने लावारिश युवती का अंतिम संस्कार किया।

कांस्टेबल शालिनी वर्मा कहती हैं कि शमशान में न जाने के पीछे रुढिवादी परंपरा है कि महिलाओं का कोमल मन होने के कारण उन्हें शमशान में नहीं जाने दिया जाता।

गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि परिवर्तन स्वयं के लाने से होगा। रुढिवादिता से परिवर्तन के लिए ही यह मेरा निर्णय है। इसमें मेरे पिता किरन पाल सिंह एवं मेरे विभाग ने मेरा सहयोग किया है। वहीं एक महिला कांस्टेबल द्वारा लावारिश लाश के अंतिम संस्कार करने की खबर की चर्चा सोशल मीडिया में जमकर हो रही है। 
 


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