9 माह पहले लापता हुई महिला कॉन्स्टेबल वृंदावन में फूल बेचते मिलीं

टीम भारत दीप |
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करीब 9 महीने पहले उनका ट्रांसफर रायपुर पुलिस हेडक्वार्टर में कर दिया गया था।
करीब 9 महीने पहले उनका ट्रांसफर रायपुर पुलिस हेडक्वार्टर में कर दिया गया था।

दरअसल रायपुर पुलिस की महिला कॉन्स्टेबल अंजना सहिस 9 माह पहले लापता हो गई थी। खोज की बाद वही यूपी के वृंदावन में फूल बेचते मिलीं। छत्तीसगढ़ पुलिस महिला सिपाही को अपने साथ वापस ले जाने की कोशिश की। अंजना ने घर लौटने से इनकार कर दिया।

मथुरा-रायपुर। 9 माह पहले ड्यूटी से अचानक महिला कॉन्स्टेबल गायब हो गई थी।  न तो उसके बारे में घर वालों को पता चला न ही विभाग को सभी ने अपने स्तर पर तलाश किया, लेकिन महिला कॉन्स्टेबल का कोई पता नहीं चला।

यहां तक महिला सिपाही कोई भी फोन नंबर यूज नहीं कर रही थी, इसलिए उसका पता लगाना मुश्किल हो गया था। इस बीच महिला सिपाही की गुमशुदगी की रिपोर्ट राजेंद्र नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई, इसके बाद से पुलिस लगातार महिला सिपाही का पता लगाने की कोशिश कर रही थी। 

इस बीच महिला सिपाही के खाते से निकालने की जानकारी बैंक से पुलिस को मिली, इसके बाद पुलिस ने बैंक के बताए लोकेशन पर पहुंचकर महिला सिपाही को खोजना शुरू किया तो महिला सिपाही एक मंदिर के बाहर फूल बेचती मिली। 

दरअसल रायपुर पुलिस की महिला कॉन्स्टेबल अंजना सहिस 9 माह पहले लापता हो गई थी। खोज की बाद वही यूपी के वृंदावन में फूल बेचते मिलीं। छत्तीसगढ़ पुलिस महिला सिपाही को अपने साथ वापस ले जाने की कोशिश की। अंजना ने घर लौटने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि वो वृंदावन में ही रहना चाहती हैं। अब पुलिस टीम खाली हाथ छत्तीसगढ़ लौट गई।

यह है मामला

आपकों बता दें कि अंजना रायगढ़ में पोस्टेड थीं। करीब 9 महीने पहले उनका ट्रांसफर रायपुर पुलिस हेडक्वार्टर में कर दिया गया था। उन्हें सीआईडी में पोस्ट किया गया था। वो एक दिन अचानक लापता हो गईं। उन्होंने परिवार या विभाग को कोई जानकारी नहीं दी। कॉन्स्टेबल का घर रायपुर के महावीर नगर में है। मां ने 21 अगस्त को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। राजेंद्र नगर पुलिस ने अंजना को खोजना शुरू किया।

ऐसे अंजना तक पहुुंची पुलिस

मामला दर्ज होने के बाद पुलिस के पास अंजना का कोई मोबाइल नंबर नहीं था। इसलिए उन्हें खोजना आसान नहीं था। राजेंद्र नगर पुलिस स्टेशन इंचार्ज विशाल कुजुर ने बताया- गुमशुदगी की शिकायत मिलने के बाद हम लगातार इस बात की कोशिश में थे कि अंजना को किसी तरह ट्रेस किया जाए।

हमारे पास न तो उनका कोई फोन नंबर था, न ही यह जानकारी कि वो कहां हैं? जांच के दौरान हमें उनके बैंक अकाउंट के बारे में जानकारी मिली। बैंक ट्रांजैक्शन से पता लगा कि यह वृंदावन के कुछ ATM से किए गए हैं। इसके बाद जांच टीम वहां पहुंची। कई लोगों अंजना की तस्वीर दिखाने के बाद उनका ठिकाना पता चला।

पुलिस जब वृंदावन पहुंची तो अंजना एक कृष्ण मंदिर के बाहर पूजा का सामान बेचते नजर आईं। इसी से अपना गुजारा चला रही हैं। अफसरों ने लेडी कॉन्स्टेबल से कहा कि उन्हें वापस चलना होगा, अंजना ने लौटने से इनकार कर दिया। मां से बात कराई तो उनसे भी यही कहा। अंजना ने कहा- न मेरा परिवार है और न रिश्तेदार। मैं अब यहीं रहना चाहती हूं।

विभागीय अधिकारियों से थी परेशान

इस विषय में मां और पुलिस हेडक्वार्टर से जुड़े सूत्रों से जो जानकारी मिली उसके अनुसार कुछ अफसरों की वजह से वह परेशान थी,इसी वजह से अंजना ने नौकरी छोड़ने का मन बना लिया था। पुलिस कर्मचारियों के अधिकारों की आवाज उठाने वाले उज्ज्वल दीवान ने भी बताया कि छोटे कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है।

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